घर खरीदना बहुत ही बड़ा वित्तीय फैसला होता है। इसलिए इसमें सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। जल्दबाजी में किया हुआ फैसला बड़ा नुकसान करा सकता है।
स्टाम्प ड्यूटी खर्च को कम करने और बड़ी बचत करने के लिए आप कुछ समझदारी भरे कदम उठा सकते हैं। हम कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिसकी मदद से आप बड़ी बचत कर सकते हैं।
सास-ससुर की प्रॉपर्टी पर किसका अधिकार है, इस संबंध में भी कई तरह के कानून बनाए गए हैं। अब यहां एक बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि क्या सास-सुसर की संपत्ति पर बहू का भी अधिकार होता है? इसका सीधा-सा सवाल ये है कि सास-ससुर की स्व-अर्जित की गई प्रॉपर्टी पर बहू का कोई कानूनी अधिकार नहीं होता है।
प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में 2 गवाहों की जरूरत पड़ती है और ये अनिवार्य है। गवाह के बिना किसी भी प्रॉपर्टी की डील नहीं हो सकती है। इन गवाहों को पूरी डील के दौरान मौजूद रहना होता है। प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में गवाहों को लेकर भी कई तरह के नियम-कानून है और यहां हम उन्हीं के बारे में जानेंगे।
किसी भी प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1908 के तहत होता है। ये कानून डॉक्यूमेंट्स के रजिस्ट्रेशन, सबूतों के संरक्षण, धोखाधड़ी की रोकथाम और स्वामित्व के आश्वासन को सुनिश्चित करने का प्रावधान करता है।
DDA Housing Scheme 2024 : आप सस्ता घर खरीदना चाह रहे हैं, तो डीडीए की 3 हाउसिंग स्कीम्स में अपने लिये फ्लैट्स तलाश सकते हैं। रामगढ़ कॉलोनी, सिरसपुर, लोक नायक पुरम, रोहिणी, द्वारका और नरेला लोकेशंस पर ये फ्लैट्स उपलब्ध हैं।
Long term capital gains tax on property : वित्त मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि संशोधन के बाद एलटीसीजी कर के संबंध में कोई अतिरिक्त कर बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा।
Property Prices : पिछले 4 साल में हाई डिमांड के चलते घरों की कीमतें 94 प्रतिशत तक बढ़ी हैं।
अगर डिवेलपर और बायर के बीच कोई एजेंट नहीं होगा तो कमीशन बचेगा। इसलिए कोशिश करें कि घर सीधे डिवलेपर या सेलर्स से खरीदें।
देश के आठ प्रमुख शहरों में ऑफिस की डिमांड रिकॉर्ड 3.47 करोड़ वर्ग फुट पर पहुंच गई। मजबूत आर्थिक बुनियाद और स्थिर सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों के कारण भारत का रियल एस्टेट बाजार पिछली कुछ तिमाहियों में तेजी से बढ़ा है।
रिपोर्ट कहती है कि बीते दो वर्षों में मांग मजबूत बने रहने से आठ शहरों में कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। इन आठ शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) और पुणे शामिल हैं।
नोएडा में बिना बिके मकानों की संख्या पिछले साल के अंत से 15 प्रतिशत घटकर 8,658 इकाई हो गई, जो 2022 के अंत में 10,171 इकाई थी। ग्रेटर नोएडा में बिना बिके मकानों की संख्या 2022 के अंत में 26,096 इकाइयों से 28 प्रतिशत गिरकर 2023 के अंत में 18,825 इकाइयों पर आ गई।
आंकड़ों के अनुसार इस कैलेंडर वर्ष 2023 में आवासीय बिक्री 4,76,530 इकाई रही। यह किसी भी कैलेंडर वर्ष में दर्ज अभी तक की सबसे अधिक बिक्री है। 2022 में 3,64,870 इकाइयों की बिक्री की गई थी।
नए साल में होम लोन सस्ता होने की पूरी उम्मीद है। आरबीआई ने 2023 में होम लाने पर बढ़ी ईएमआई में कमी नहीं की है। हालांकि, अब महंगाई कंट्रोल में है। ऐसे में बहुत उम्मीद है कि अगले साल यानी नए साल में आरबीआई कर्ज सस्ता करेगा।
Property Rate in Gurugram : इस साल प्रॉपर्टी की कीमतों में भारी उछाल दर्ज हुई है। साल 2024 में भी प्रॉपर्टी मार्केट में यह तेजी जारी रहने के संकेत हैं। गुरुग्राम में प्रीमियम यानी महंगे घरों की कीमत में पिछले एक साल में 45 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।
साल के अंत में प्रॉपर्टी ब्रोकर और डेवलपर्स के पास खरीदारों की भीड़ नहीं होती है। इसके चलते आप आसानी से सही प्रॉपर्टी का चयन कर सकते हैं।
माना जा रहा है कि बिल्डर अब अधिक मुनाफा कमाने के लिए लक्जरी आवासीय परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सस्ते मकानों में मुनाफे का मार्जिन भी कम रहता है। 1.5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले लक्जरी घरों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। वास्तव में पिछले पांच साल में यह तीन गुना हो गई है।
कोरोना महामारी के बाद घरों की रिकॉर्ड बिक्री का सिलसिला जारी है। इसके चलते पुराने सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं। त्योहारी सीजन में बिक्री और बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में नया रिकॉर्ड बन सकता है।
रियल एस्टेट निवेश पर संभावित रिटर्न निर्धारित करने में लोकेशन महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। लोकेशन का चयन करने में आवश्यक सेवाओं, रेल स्टेशन, बस स्टेशन और एयरपोर्ट की दूरी, शैक्षणिक संस्थानों और अस्पताल सुविधाओं की निकटता जैसे पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए। इसके साथ ही यह ध्यान रखना चाहिए कि रियल एस्टेट निवेश लंबी अवधि
मेट्रो सिटी के आसपास बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री होती है, जिसमें हजारों लोग काम करने आते हैं। ये प्रॉपर्टी की मांग हमेशा बढ़ाने का काम करते हैं।
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