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Chanakya Niti: घर के मुखिया में नहीं है ये गुण तो परिवार रहेगा बिखरा हुआ, चाणक्य नीति से जानें अच्छे प्रधान के 5 गुण

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार घर के मुखिया में 5 गुण अवश्य होने चाहिए। आज हम आपको इन्हीं गुणों के बारे में अपने इस लेख में जानकारी देंगे।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Jul 19, 2024 11:57 IST, Updated : Jul 19, 2024 11:57 IST
Chanakya Niti - India TV Hindi
Image Source : FILE Chanakya Niti

Chanakya Niti: महान अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने जीवन में सफलता पाने के लिए कई बातें बतायी हैं। उनके द्वारा बताई गई नीतियों और नियमों का अगर हम पालन करते हैं तो जीवन की कई परेशानियों का हल निकल सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आचार्य चाणक्य ने घर के प्रधान या मुखिया को लेकर क्या बातें कही हैं। चाणक्य के अनुसार कौन से गुण व्यक्ति को घर का अच्छा मुखिया बनाते हैं आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं। 

सुनी-सुनाई बातों में न आने वाला

चाणक्य कहते हैं कि, घर के मुखिया को कभी भी सुनी सुनाई बातों में नहीं आना चाहिए। बिना वास्तविकता को जाने किसी की भी बातों में आ जाना घर के प्रमुख के लिए अच्छा नहीं होता। अगर घर का मुखिया कान का कच्चा है तो उसकी वजह से और लोगों के दिमाग में भी गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं। इसलिए घर के मुखिया को हर बात की सच्चाई को जानने के लिए घर के सदस्यों से स्पष्ट बातें करनी चाहिए और खुद के विचारों को लेकर भी स्पष्ट होना चाहिए। अगर मुखिया किसी की बातों में या बहकावे में नहीं आता तो घर में समरसता बनी रहती है। 

धन का प्रबंधन करने वाला 

घर के मुखिया को हमेशा धन का प्रबंधन करने में माहिर होना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि, अगर घर का मुखिया धन बेवजह खर्च करता है, फिजूल की चीजों पर पैसा और समय बर्बाद करता है तो पूरे परिवार में दरिद्रता फैलती है। घर के मुखिया को चाहिए कि वो पाई-पाई का हिसाब रखे, गलत चीजों पर खुद भी खर्च न करे और घर के लोगों को भी इसके बारे में जागरुक बनाए। अगर धन को सही तरीके से मुखिया प्रबंधित कर पाता है तो उस घर में हमेशा बरकत होती है। 

घर के लोगों के बीच न करे भेदभाव

चाणक्य भेदभाव करने की नीति को सही नहीं बताते। खासकर घर के सदस्यों के बीच घर के मुखिया को कभी भी भेदभाव नहीं करना चाहिए, किसी एक के पक्ष में खड़े होकर कोई भी बयानबाजी घर के प्रमुख को नहीं करनी चाहिए। घर के हर सदस्य को समान दृष्टि से देखना चाहिए और अगर कभी दो सदस्यों के बीच मतभेद होते हैं तो ठंडे दिमाग से समस्या का समाधान निकालना चाहिए। 

अनुशासन

घर के मुखिया को हमेशा अनुशासित होकर रहना चाहिए। अगर घर का मुखिया ही अनुशासन नहीं रखेगा तो इसका बुरा असर परिवार के और लोगों पर भी पड़ेगा। वहीं मुखिया अगर अनुशासित है तो दूसरों को गलत कार्य करने पर वो टोक सकता है और घर के बाकी सदस्यों में सुधार लेकर आ सकता है। चाणक्य के अनुसार, अनुशासन में रहने वाला मनुष्य हर स्थिति में खुद को संभाल लेता है और जीवन में ऐसे लोगों को सफलता भी प्राप्त होती है। 

निर्णय लेने की क्षमता 

ये एक ऐसा गुण है जो घर के मुखिया में होना बेहद आवश्यक है। घर के प्रमुख को परिवार के लोगों की भलाई के लिए कई बार कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं जो हो सकता है परिवार के लोगों को पसंद न आएं। हालांकि ऐसे निर्णयों को लेना आवश्यक भी होता है, इसलिए किस सदस्य के लिए क्या सही रहेगा और कब उसे क्या करना चाहिए इस चीज का निर्णय लेने की क्षमता घर के प्रमुख में होनी चाहिए। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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