Sunday, April 28, 2024
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Pradosh Vrat 2024: माघ माह का प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा? नोट करें सही डेट

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत महादेव और मां पार्वती को समर्पित होता है। इस दिन भोलेनाथ के साथ ही साथ मां पार्वती की भी विशेष आराधना की जाती है, आइए जानते हैं माघ माह में इस बार प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा और क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: February 20, 2024 12:24 IST
Pradosh Vrat 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Pradosh Vrat 2024

Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में त्रिदेवों में भगवान शिव सभी के आराध्य देव हैं। भगवान शिव की जिस पर कृपा हो जाती है उसको जीवन में कभी किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। माघ का महीना अपने अंतिम चरण में है, इस महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। लोग इस दिन महादेव की शरण में आने के लिए उनके निमित्त पूजा-पाठ और व्रत रखते हैं। प्रदोष व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस बार माघ माह का आखिरी प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा, क्या रहेगा इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त, यहां जानिए हिंदू पंचांग के अनुसार।

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

  • प्रदोष व्रत - 21 फरवरी 2024 दिन बुधवार
  • माघ माह शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 21 फरवरी 2024 दिन बुधवार को सुबह 11 बजकर 27 मिनट से शुरू।
  • माघ माह शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि समापन- 22 फरवरी 2024 दिन गुरुवार दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर समाप्ति।
  • प्रदोष व्रत की पूजा का समय- 21 फरवरी 2024 दिन बुधवार को शाम 6 बजकर 15 मिनट से लेकर 8 बजकर 47 मिनट तक। यह समय प्रदोष काल कहलाता है जिसमें शिव और पार्वती जी की आराधना करना सर्वश्रेष्ठ होता है। 

प्रदोष व्रत की क्या है पूजा विधि

  • प्रदोष व्रत वाले दिन प्रातः सूर्योदय में स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
  • इसके बाद प्रदोष व्रत को रखने का जल से आचमन कर संकल्प लें।
  • पूजा पद्धति के अनुसार इस दिन आप शिवलिंग पर बेल पत्र, धतूरा, शमी की पत्ति इत्यादि आर्पित कर इसका पूजन कर सकते हैं।
  • इसके साथ आप भगवान शिव के ऊँ नमः शिवाय मंत्र का 11 माला जाप भी कर सकते हैं।
  • इसी के साथ आप प्रदोष व्रत के दिन महादेव की अनुकंपा पाने कि लिए शिव चालीसा, शिवाष्टकम् स्त्रोत, शिव पुराण आदि का पाठ कर सकते हैं।
  • ज्यादातर प्रदोष व्रत का पूजन प्रदोष काल के समय करना चाहिए। इस दौरान भगवान शिव और मां पार्वती की विधिवत तरह से आराधना करनी चाहिए।

प्रदोष व्रत पर करें भोलेनाथ के कुछ विशेष मंत्रों का जाप

महामृत्युंजय मंत्र- शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने पर आकाल मृत्यु से बचा जा सकता है। इसका जाप करने से व्यक्ति निरोगी और मोक्ष प्राप्त करता है। 

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

पंचाक्षर मंत्र- पंचाक्षर मंत्र पांच शब्दों से मिलकर बना है। यह शिव भगवान का सबसे सरल और शक्तिशाली मंत्र है। इसका जाप करने से महादेव भक्तों का बेड़ा पार लगाते हैं और जीवन के हर दुःख का अंत करते हैं। यह मंत्र मन को शांति और जीवन को सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला है।

ॐ नमः शिवाय

शिव गायत्रि मंत्र- शास्त्रों में भगवान शिव के इस मंत्र की बड़ी महिमा बताई गई है। यह मंत्र भगवान शिव का सबे प्रभावशाली मंत्र है। इसका जाप करने से पहले स्नान आदि से निवृत अवश्य हो जाएं। जो लोग इसका जाप करते हैं, उन्हें जीवन की हर प्रकार की संपन्नता प्राप्त होती है और भोलेनाथ उनकी हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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