कोलकाता। बीसीसीआई ने रविवार शाम को राज्य संघों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसीओपी) जारी की और 60 साल से ज्यादा के लोगों को भर्ती करने से मना किया है। लेकिन यह प्रावधान कई लोगों के लिए दिक्कत भरा हो सकता है, जैसे बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के कोच अरुण लाल 65 साल के हैं। ऐसे में संघ के अध्यक्ष अभिषेक डालमिया को लगता है कि आयु को लेकर जो सीमा तय की गई है वो कोरोना वायरस महामारी के कारण अस्थायी तौर पर लागू की गई है और महामारी के बाद यह हट जाएगी। डालमिया ने कहा, "ऐसा माना जा रहा है कि व्यक्ति की आयु के संबंध में जो सीमा तय की गई है और जो स्वास्थ स्थिति का जिक्र किया है वह मौजूदा स्थिति को देखकर अस्थायी है और तय आयु के लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर तय की गई है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जो एसओपी जारी की गई है उसमें साफ तौर पर कहा गया है कि ऐसे लोगों को शिविर संबंधी गतिविधियों में अगला आदेश जारी न होने तक हिस्सा नहीं लेने दिया जाए।"
उन्होंने कहा, "यह समय के साथ बदल सकता है क्योंकि एसओपी में लिखा है कि समय-समय पर कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली गाइडलाइंस को देखते हुए इसमें बदलाव किए जाएंगे।"
डालमिया ने आगे कहा कि इस समय कोचिंग स्टाफ में किसी तरह की बदलाव नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "चूंकि राज्य में खेल गतिविधियां आयोजित कराने की मंजूरी नहीं है, साथ ही घरेलू क्रिकेट के शुरू होने में अभी अच्छा खासा समय है, इसलिए इस समय कोचिंग स्टाफ में बदलाव को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। हम हालांकि समय-समय पर स्थिति का आंकलन कर सकेंगे। जिन टीमों के जिस कोच को नियुक्त किया गया है वो वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपनी-अपनी टीमों पर नजर बनाए हुए हैं, जैसा वो पूरे लॉकडाउन के समय करते आ रहे थे।"
क्रिकेट की सुरक्षित शुरुआत को लेकर सीएबी अध्यक्ष ने कहा, "हमने वही एसओपी मेडिकल टीम को भेज दी है जो उसका गहराई से अध्यन करेगी। इसके बाद हम मेडिकल टीम के साथ बैठक करेंगे और आने वाले सप्ताह में संघ द्वारा उठाए जाने वाले कदमों को लेकर चर्चा करेंगे।"