Wednesday, April 24, 2024
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39 साल के हुए टीम इंडिया के युवराज, एक ऐसा खिलाड़ी जिसके बिना अधूरा है भारतीय क्रिकेट का इतिहास

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में अपना नाम दर्ज कराने वाले पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह आज 39 साल के हो गए हैं।

India TV Sports Desk Edited by: India TV Sports Desk
Updated on: December 12, 2020 11:50 IST
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Image Source : TWITTER Yuvraj singh

साल 1999 के खत्म होने में कुछ ही दिन का समय बचा था और नए साल में भारतीय क्रिकेट में एक ऐसे खिलाड़ी की एंट्री होने वाली थी जिन्होंने इस खेल में भारत के लिए एक बड़ी इबारत खड़ा कर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। वह खिलाड़ी कोई और नहीं बल्की युवराज सिंह हैं। 21 साल पहले युवराज ने पहली बार कूच बिहार ट्रॉफी में अपनी छाप छोड़ी थी जहां उन्होंने 358 रनों की पारी खेलकर सनसनी मचा दी और यहीं से उनका चयन भारत के अंडर-19 टीम में हुआ था। इसके बाद से इस खिलाड़ी ने कभी पीछे पलट कर नहीं देखा।

हालांकि इस वाक्ये को बीते हुए दो दशक हो चुके हैं लेकिन क्रिकेट के मैदान और निजी जिंदगी में इस खिलाड़ी ने जिस दिलेरी से चुनौतियों का सामना किया वह बहुत ही कम खिलाड़ी कर पाते हैं। 

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आज युवराज सिंह का जन्मदिन है और वह 39 के हो चुके हैं। इस उम्र के पड़ाव तक पहुंचने वाले युवी का जीवन काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है। एक समय ऐसा था जब युवराज सिंह के बिना टीम इंडिया पूरी नहीं होती थी और एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्हें टीम में वापसी के लिए संघर्ष करना पड़ा।

हालांकि युवी ने जब भी वापसी की उन्होंने अपनी एक अलग छाप छोड़ी। क्रिकेट के मैदान के साथ-साथ उन्होंने अपने निजी जीवन में भी काफी मुश्किलों का सामना किया। क्रिकेट के मैदान पर खून की उल्टियां करने वाले युवराज सिंह को जब पता चला कि उन्हें कैंसर है तो एक वक्त को लगा कि उनका करियर खत्म हो गया है लेकिन जिस दिलेरी के साथ उन्होंने मैदान पर वापसी की वह किसी अजूबे से कम नहीं था।

कैसे बने टीम इंडिया का 'युवराज' ?

युवराज सिंह ने उस दौर में भारतीय क्रिकेट में अपना कदम रखा था जब टीम बदलाव के दौर से गुजर रही थी। सौरव गांगुली की कप्तानी में अपना डेब्यू करने वाले युवराज ने शुरू में ही अपने कौशल का परिचय दे दिया था और साबित कर दिया था कि वह लंबी रेस के घोड़ा हैं। यह वह दौर था जब भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और गांगुली जैसे खिलाड़ियों की तूती बोलती थी लेकिन इन खिलाड़ियों के बीच में रहते हुए युवराज ने इस तरह से खुद को इस तरह ढाला कि भारतीय क्रिकेट में उनकी चर्चा किए बगैर कोई बात पूरी नहीं हो सकती है।

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बाएं हाथ के इस खब्बू बल्लेबाज ने कुछ ही समय में भारतीय टीम के युवराज बन गए। युवी को यह तमगा ऐसे नहीं बल्की इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और भारतीय टीम को कई मैचों में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

युवराज दो विश्व कप (2007 टी-20, 2011) साथ चैंपियंस ट्रॉफी की खिताबी जीत में हीरो बनकर उभरे। इसके अलावा उन्होंने अगनितन मुकाबलों में अपने दमदार प्रदर्शन से टीम इंडिया को जीत दिलाई।

टी-20 के 'किंग' थे युवराज

युवराज सिंह को क्रिकेट के मैदान पर एक खतरनाक बल्लेबाज माना जाता था। सफेद गेंद से तो वह इतने आक्रमक खेलते थे कि विपक्षी टीम के गेंदबाज में भय का माहौल होता था। यही कारण है कि लिमिटेड ओवर क्रिकेट में युवराज को टी-20 का किंग माना जाता था।

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इस फॉर्मेट में युवराज ने कुछ ऐसी पारियां खेली जो हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया। युवी ने ऐसी ही एक पारी साल 2007 टी-20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ खेली थी। इस मुकाबले में युवराज ने टी-20 विश्व कप में सबसे तेज 12 गेंद में अर्द्धशतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इसके अलावा टी-20 इंटरनेशनल में युवराज पहले ऐसे खिलाड़ी बने थे जिन्होंने 6 गेंद पर लगातार छह छक्के लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था।

यही कारण है कि युवराज को भारतीय टी-20 टीम का किंग माना जाता था।

नहीं मिली सम्माजनक विदाई

युवराज सिंह भारत के उन क्रिकेटरों में से जिन्हें मैदान के साथ-साथ मैदान के बाहर भी खूब प्यार मिला। एक समय ऐसा भी आया जब उनके बल्ले से रन निकलना बंद हो गया और वे टीम से बाहर हो गए। हालांकि युवी ने टीम में वापसी की लेकिन नए दौर के इस क्रिकेट में वह पीछे रह गए और आखिर में भारत के इस महान क्रिकेटर ने 10 जून 2019 के खेल से संन्यास का एलान कर दिया।

हर क्रिकेटर का सपना होता है कि उसे एक सम्मानजनक विदाई मिले और युवराज सिंह उसके हकदार भी थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। लगातार टीम से बाहर रहने, बढ़ती उम्र और फिटनेस के कारण युवी के लिए टीम इंडिया में वापसी के रास्ते बंद से हो गए।

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ऐसे में उन्होंने अचनाक संन्यास की घोषणा कर दी। हालांकि इसके बावजूद वह टी-20 फॉर्मेट में नजर आते रहे और कुछ पहले उन्होंने कहा भी था उनमें अभी बहुत क्रिकेट बांकी है और वह वापसी का मन बना रहे हैं।

युवराज का क्रिकेटिंग करियर

साल 2000 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले युवराज भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 मैचों में प्रतिनिधित्व किया है। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 33.92 की औसत से 1900 रन बनाए जिसमें 11 अर्द्धशतक के साथ तीन शतक भी शामिल है।

वहीं युवी ने 36.55 की औसत से 8701 रन अपने नाम दर्ज किए। इस फॉर्मेट में उन्होंने 52 अर्द्धशतक लगाने के साथ 14 बार शतकीय पारी खेली। इसके अलावा टी-20 में उनके 1177 रन दर्ज है। 

सिर्फ बल्लेबाजी में नहीं युवराज ने गेंदबाजी में अपना जौहर दिखाया। वनडे क्रिकेट में उन्होंने गेंदबाजी करते हुए 111 विकेट लिए जबकि टी-20 में उनके नाम 28 विकेट दर्ज है।

 

 

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