
भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून से शुरू हो रही बहुप्रतीक्षित पांच मैचों की टेस्ट सीरीज को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। इस सीरीज के विजेता कप्तान को 'पटौदी मेडल' से सम्मानित किया जाएगा। इस पहल के जरिए भारत और इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास की इस ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता में पटौदी परिवार का नाम हमेशा के लिए जुड़ा रहेगा।
पटौदी परिवार का भारत-इंग्लैंड क्रिकेट से गहरा रिश्ता
पटौदी परिवार का दोनों देशों की क्रिकेट विरासत में गहरा जुड़ाव रहा है। इफ्तिखार अली खान पटौदी और उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी, दोनों ने भारत के लिए टेस्ट टीम की कप्तानी की और इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट भी खेला। यही कारण है कि वर्षों से भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज को 'पटौदी ट्रॉफी' के नाम से खेला जाता रहा है।
तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी को लेकर उठा विवाद
हाल ही में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने इस ट्रॉफी का नाम बदलकर तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी करने का फैसला किया था। इसकी औपचारिक घोषणा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के दौरान लॉर्ड्स में की जानी थी, लेकिन अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे के कारण इसे टाल दिया गया।
इस फैसले पर पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर समेत कई दिग्गजों ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी ECB से सीधे संपर्क किया और आग्रह किया कि पटौदी परिवार का नाम भारत-इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास का हिस्सा बना रहना चाहिए।
इस मुद्दे को सुलझाने में ICC चेयरमैन जय शाह ने भी अहम भूमिका निभाई। सूत्रों के मुताबिक, जय शाह और तेंदुलकर की पहल के बाद ECB ने सहमति जताई और तय किया कि भले ही ट्रॉफी का नाम 'तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी' रखा जाए, लेकिन सीरीज के विजेता कप्तान को 'पटौदी मेडल' भी प्रदान किया जाएगा।
19 जून को होगा औपचारिक ऐलान
इस नई व्यवस्था की औपचारिक घोषणा 19 जून को लीड्स में सीरीज के पहले टेस्ट से ठीक एक दिन पहले की जाएगी। तेंदुलकर टेस्ट क्रिकेट के सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं, जबकि जेम्स एंडरसन टेस्ट इतिहास के सबसे सफल तेज गेंदबाज हैं। इस फैसले के बाद भारत-इंग्लैंड क्रिकेट इतिहास में शाही पटौदी परिवार का नाम सम्मान के साथ हमेशा जुड़ा रहेगा।
(PTI Inputs)