बद्रीनाथ धाम में एक महिला तीर्थयात्री ने हार्ट अटैक से दम तोड़ दिया। वहीं पुलिस ने कंचन गंगा के समीप बद्रीनाथ हाईवे के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया है।
बद्रीनाथ धाम के कपाट आज सुबह 6.15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस दौरान भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद रहे। पूरे विधि-विधान, मंत्रोच्चार और सेना बैंड की धुनों के साथ भगवान के कपाट खोले गए।
वित्तवर्ष 2022-23 का 67 करोड़ 22 लाख 62 हजार 137 रुपये का बजट पारित किया गया। बदरीनाथ अधिष्ठान के लिए 34 करोड़ 44 लाख एक हजार, 323 जबकि केदारनाथ प्रतिष्ठान के लिए 32 करोड़ 78 लाख 60 हजार 814 रुपये आय प्रस्तावित की गई।
भगवान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को सुबह 6:15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। आज बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर धाम के कपाट खोलने की तारीख की घोषणा की गई।
चार धामों में से एक बदरीनाथ के कपाट आज सुबह ब्रह्ममुहूर्त में विधि-विधान के साथ खोल दिए गए है। बीत 17 मई को केदारनाथ के कपाट खोले गए थे।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन बदरीनाथ धाम के विकास कार्यों के लिये 19.3 करोड़ रुपये देगी।
देश की राजधानी दिल्ली से यह स्थान लगभग 528 किलोमीटर दूर है और हरिद्वार तथा ऋषिकेश होते हुए वहां पहुंचा जा सकता है। केदारनाथ से बद्रीनाथ के बीच की दूरि 229 किलोमीटर है।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध धामों, बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम सीमा में बढ़ोतरी करते हुए उसे अब प्रतिदिन तीन हजार कर दिया गया है।
आज से उत्तराखंड के चार धामों केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए है। जानिए इन धामों के बारे में सबकुछ।
15 मई को बद्रीनाथ के कपाट खोल दिए गए है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं है। ऐसे में आप चाहे तो ऑनलाइन दर्शन, भोग, आरती कर सकते हैं। जानिए कैसे।
प्रधानमंत्री की ओर से यह पूजा विश्व शांति और विश्व को निरोग बनाने की प्रार्थना के साथ की गई।
15 मई को बद्रीनाथ मंदिर के द्वार खोले जाएंगे और मंदिर में मुख्य पुजारी सहित कुल 27 लोगों को अनुमति दी जाएगी।
मंदिरों के कपाट सर्दियों में भीषण ठंड और भारी बर्फबारी के कारण हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिए जाते है और अप्रैल-मई में फिर से खोले जाते है।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को शीतकाल के लिये श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु बंद कर दिये गये।
चार धाम यात्रा: आज बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे। मान्यता है कि आज जहां ये धाम स्थित है। केदारनाथ के कपाट 9 मई को सुबह पूरी विधि विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद खोल दिए गए थे। पहले ही गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुल चुके है। जिसके साथ ही चारधाम की यात्रा शुरु हो चुकी है। सुबह 4 बजकर 15 मिनट के शुभमहूर्त पर भगवान बद्री नाथ के कपाट खोले दिए गए है।
अधिकारी ने बताया कि अनंत अंबानी अपने पिता मुकेश अंबानी के साथ बद्रीनाथ व केदारनाथ मंदिरों के नियमित दशनार्थी रहे हैं।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में 5 साल पहले आई प्राकृतिक आपदा के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की पुरानी रंगत फिर लौट आई है।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर के कपाट इस वर्ष 20 नवंबर को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये बंद कर दिये जायेंगे जो छह माह की शीतकालीन अवधि के बाद पुन: अप्रैल-मई में खुलेंगे।
मौलवी का दावा है कि इस जगह को पहले बदरुद्दीन शाह या बद्री शाह के नाम से जाना जाता था। उनके मुताबिक सदियों पहले यह मुस्लिमों का धार्मिक स्थल था इसलिए इस जगह को मुस्लिमों को वापस किया जाना चाहिए।
अभी अयोध्या मसला सुलझा नहीं है कि एक और मसला सामने आ गया। दारूल उलूम के मुफ्ती ने कहा बद्रीनाथ तो बदरूद्दीन शाह हैं। यह मुसलमानों का धार्मिक स्थल है।
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