गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यान के माध्यम से मानव को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और फिर उन्हें धरती पर सुरक्षित वापस लाने की क्षमता का प्रदर्शन करने का है।
भारत के गगनयान अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों ने रूस में अपनी एक साल की ट्रेनिंग पूरी कर ली है।
आम बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जमीन से लेकर आसमान तक का जिक्र किया। मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन का मानव रहित पहला लॉन्च इसी साल दिसंबर 2021 में होगा।
दो फ्लाइट सर्जन जल्द ही गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष में चिकित्सा का अनुभव अपने रूसी समकक्षों से लेने के लिए रूस रवाना होंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के सिवन ने शनिवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ के लिए ‘हरित प्रणोदक’ विकसित कर रही है।
Gaganyaan Mission: गगनयान परियोजना का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव को भेजने की क्षमता दिखाना है, जिसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में भेजा जाएगा। इससे पहले इसरो ने पिछले महीने कहा था कि गगनयान मिशन के लिए जीएसएलवी एमके-तीन प्रक्षेपण वाहन को चिह्नित किया गया है।
भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान (ह्यूमन स्पेस फ्लाइट) रॉकेट में सुरक्षा के मामले में कई अतिरेक/बैकअप सिस्टम होंगे। इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से रॉकेट के निर्माण के लिए आवश्यक हार्डवेयर भी उपलब्ध होंगे।
कोरोना वायरस महामारी के कारण ‘गगनयान’ के पहले चरण के तहत भारत के मानवरहित अंतरिक्ष अभियान को भेजने में देरी हो सकती है जिसके दिसंबर 2020 में प्रक्षेपण की योजना है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के चेयरमैन के सिवन सम्बोधन कर रहे हैं।
साल 2020-2021 में ISRO ने 36 मिशन प्लान किये हैं, लेकिन कोरोना के चलते अधिकांश मिशन का प्रोगेस प्लान के मुताबिक नहीं हो पा रहा है, साथ ही इसरो के पहले मानव रहित मिशन में भी देरी की संभावना अब बढ़ गयी है।
भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान गगनयान के लिए चुने गए चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों ने रूस में फिर से प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर ‘गगनयान मिशन’ के लिये चार उम्मीदवारों का चयन हुआ है जिन्हें एक साल के लिये रूस में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को मानवरहित अंतरिक्ष मिशन के लिए पहली बार ह्यूमनॉइड 'व्योम मित्र' का अनावरण किया।
ISRO चीफ के शिवन ने यह भी बताया कि चंद्रमा की सतह पर उतरने के अगले प्रयास चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू हो चुका है और यह प्रोजेक्ट तेजी से चल रहा है
2022 में अंतरिक्ष की यात्रा पर जाने वाले गगनयान मिशन के अंतरिक्षयात्रियों के लिए डीआरडीओ ने विशेष खाना
इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि तीसरे चंद्रयान मिशन को सरकार की मंजूरी मिल गई है और इससे संबंधित सभी गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही हैं।
आखिर ऐसी क्या तकनीकी खामी आई थी जिस वजह से लैंडर विक्रम इतिहास रचने से चूक गया था? बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के शिवन ने इसके बारे में जानकारी दी
भारत के अंतरिक्ष में पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए 12 संभावित यात्रियों को चुना गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ‘गगनयान’ परियोजना के लिए मानव केंद्रित प्रणालियां विकसित करने के लिहाज से सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने गगनयान अभियान के तहत तीन भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। रूस और फ्रांस भी भारत के इस महत्वाकांक्षी अभियान में मदद करेगें।
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