वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में आज जुमे की नमाज़ के लिए कड़ी सुरक्षा की गई है। वहीं आज व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ का दूसरा दिन है। वाराणसी-मस्जिद कमेटी ने आज बंद की भी अपील की है। तो वहीं मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है।
ज्ञानवापी मस्जिद है या फिर मंदिर इसका फैसला हो गया है... ज्ञानवापी के तहखाने में आखिर ऐसा क्या मिला कि कोर्ट भी हिंदू पक्ष के दावे को मानने पर मजबूर हो गया... ASI की रिपोर्ट में ऐसा क्या सामने आया है कि कोर्ट को ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा-पाठ का आदेश देना पड़ा.
जारी पत्र में जिला जज वाराणसी के फैसले का जिक्र करने के साथ कौम तक यह भी संदेश पहुंचाया है कि ज्ञानवापी में पूजा-पाठ शुरू करा दी गई है, ऐसे में जुमे की नमाज की आड़ में शहर एवं देश का मौहाल खराब ना हो।
अदालत के आदेश के बाद व्यास जी के तहखाने में पूजा हुई और इसे आम भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया है। यहां पूजा के बाद बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए उमड़े।
ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी की जिला अदालत में याचिका दाखिल कर कि व्यास परिसर में पूजा अर्चना के कोर्ट के आदेश को पंद्रह दिन तक लागू न करने की अपील की है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जिला मजिस्ट्रेट सेटलमेंट प्लॉट नं.-9130 स्थित भवन के दक्षिण में स्थित तहखाने में पुजारी से मूर्तियों की पूजा व राग-भोग कराएं। रिसीवर को सात दिन में लोहे की बाड़ का उचित प्रबंध कराने के भी निर्देश दिए गई हैं। वहीं मुकदमे की अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी।
वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के हित में फैसला दिया। इसे लेकर अब असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये फैसला सरासर गलत है।
वाराणसी जिला अदालत द्वारा हिंदू समुदाय को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दे दिया गया है। इसके बाद कल देर रात तहखाने को खोलकर उसमें पूजा की गई। लेकिन इस बीच ज्ञानवापी के साइन बोर्ड पर मस्जिद की जगह 'मंदिर' लिख दिया गया।
31 साल बाद ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा आखिरकार शुरु हो गई है। कोर्ट के आदेश के बाद ही मंदिर परिसर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
वाराणसी के जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है।
काशी के ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष को व्यासजी के तहखाने में पूजा करने का अधिकार मिल गया है। वाराणसी की जिला अदालत ने सात दिनों के अंदर व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है।
शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर वजूखाने को साल 2022 के मई महीने में सील कर दिया गया था। याचिका के जरिए वाराणसी के जिला जज की कोर्ट के 21 अक्टूबर 2023 के फैसले को चुनौती दी गई है।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से देश भर में ज़बरदस्त राम लहर चल रही है...देश के कोने-कोने से लाखों लोग रोज़ अयोध्या पहुंच रहे हैं...रामलला का दर्शन कर रहे हैं...योगी का इंतजाम ऐसा है कि, लाखों भक्तों को आराम से रामलला के दर्शन हो रहे हैं...लेकिन अब योगी ने एक और बड़ा इशारा कर दिया है.
ज्ञानवापी का केस फाइनल हो चुका है . सेटलमेंट की डेट फिक्स हो चुकी है . अब भगवान भोलेनाथ की मुक्ति का मार्ग खुल गया है. 350 साल का इंतजार उसी तरह खत्म होने वाला है जैसे अयोध्या में 500 साल का इंतजार खत्म हुआ है. राह में कुछ रोड़े हैं जिन्हें हटाने के इंतजाम हो चुके हैं.
एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सामने आने के बाद कई खुलासे हुए हैं। वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को इसकी जानकार दी है। साथ ही उन्होंने एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि यह स्पष्ट हो गया है कि यहां पर एक भव्य हिंदू मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाया गया है।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में ASI की ओर से कुल 839 पन्नों की रिपोर्ट दाखिल की गई है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था।
वाराणसी से ज्ञानवापी पर बड़ी खबर है। एएसआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया है कि ज्ञानवापी में प्राचीन मंदिर के खंभों की पुष्टि हुई है।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और आम सहमति बनी कि एएसआई की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को प्रदान की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में मौजूद वजूखाने की साफ-सफाई शुरू हो चुकी है। बता दें कि प्रशासन इसकी निगरानी कर रहा है। पूरी साफ-सफाई के इस कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जा रही है। साथ ही हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष के प्रतिनिधि वहां मौजूद हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर मामले पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद परिसर के 'वजूखाना' के पूरे एरिया की सफाई कराने की अनुमति दे दी है, जिसे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की देखरेख में कराई जाएगी।
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