व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता की पूर्व संध्या पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति के साथ उनका एक खास तालमेल है। साथ ही, वह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण चाहते हैं ताकि दोनों देश अन्य देशों को सस्ती दरों पर निर्यात करने के लिए सैन्य उपकरण बना सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी शहर व्लादिवोस्तोक की बुधवार से शुरू हो रही दो दिवसीय यात्रा के दौरान भारत और रूस के बीच विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में कई समझौते होने के साथ ही तेल और गैस क्षेत्र में गहरे सहयोग के लिए पांच वर्षीय खाका तैयार किए जाने की उम्मीद है।
पीएम नरेंद्र मोदी 4 सितंबर को रूस की 36 घंटे की यात्रा पर जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी पीएम 4 सितंबर को सुबह व्लादिवोस्तोक पहुंचेंगे और 5 सितंबर को शाम को वहां से प्रस्थान करेंगे।
हिंद प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल फिलिप डेविडसन ने कोलाराडो में एस्पन सिक्योरिटी फोरम को बताया, “भारत एस-400 हासिल कर रहा है। यह रूस की वायु रक्षा प्रणाली है। यह थोड़ी समस्या है। लेकिन हम बातचीत जारी रखेंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिश्केके में एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादमिर पुतिन से मुलाकात की।
भारत और रूस ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए जब ब्रह्मोस को लेकर समझौता किया होगा तो सोचा भी नहीं होगा कि यह रक्षा उत्पादों की श्रेणी का एक बड़ा ब्रांड होगा।
भारत में रूसी राजदूत निकोलई कुदाशेव ने गुरूवार को यहां कहा कि पाकिस्तान के साथ रूस के संबंध भारत के लिए चिंता का विषय नहीं होना चाहिए।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत और रूस के बीच व्यापार बढ़ने की उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़कर 2025 तक 30 अरब डॉलर हो जाएगा।
भारत और रूस ने शुक्रवार को उन्नत ईंधन से लैस नवीनतम वीवीईआर-1200 श्रेणी के रिएक्टरों के साथ भारत में नई परमाणु विद्युत परियोजनाओं में सहयोग के एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।
भारत-रूस के बीच आज एस 400 मिसाइल सौदे पर अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों का मकसद रूस को दंडित करना है, न (न) कि अपने सहयोगियों की सैन्य क्षमता को नुकसान पहुंचाना।
आखिर अमेरिका की धमकी के बावजूद भारत के लिए एस 400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदा क्यों जरूरी है आज हम आपको विस्तार में बताते है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों ने आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनमें अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग, रेलवे समेत कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग के विषय शामिल हैं।
भारत और रूस के बीच दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के साथ ही यूरेशियाई आर्थिक संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत करने की उम्मीद है।
संपादक की पसंद