मुर्शिदाबाद हिंसा में बाप-बेटे की हत्या के मामले में 13 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। 11 अप्रैल को हुई इस हत्या के दौरान पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठे थे। कई घरों में आग लगाई गई थी।
ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने मुर्शिदाबाद दंगों से प्रभावित परिवारों को 'जबरन' अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया ताकि वे उनसे मिल न सकें। उन्होंने कहा, भाजपा मुर्शिदाबाद दंगों से प्रभावित लोगों के परिवारों को वहां से दूर ले गई ताकि वे मुझसे न मिल सकें। क्या यह अपहरण नहीं है?
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में 3 लोगों की जान चली गई थी। लोगों के घरों में और सार्वजनिक वाहनों और संपत्तियों में भी आग लगा दी गई थी। इस दौरान बड़ी संख्या में हिंदू मंदिरों में तोड़-फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
बंगाल एसटीएफ ने मुर्शिदाबाद हिंसा से जुड़े 8 लोगों को ओडिशा से गिरफ्तार किया है। ये सभी दंगाई मजदूर के भेष में छिपे हुए थे।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद हिंसा से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उचित याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया है।
दिलीप घोष ने मुर्शिदाबाद हिंसा के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया वही हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस को धन्यवाद दिया।
सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर हिंसा पीड़ितों के लिए बने राहत शिविरों को निरूद्ध केंद्रों में बदलने का आरोप लगाया। वक्फ अधिनियम के विरोध के बाद हुई हिंसा में हजारों लोग बेघर हुए और विपक्ष ने मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाया।
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के दौरान तस्वीर पोस्ट करने और जिले का दौरा न करने को लेकर बहरामपुर सीट से सांसद यूसुफ पठान की आलोचना हो रही है। अब सूत्रों ने जानकारी दी है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता भी यूसुफ पठान से नाखुश हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल की घटनाओं को लेकर बांग्लादेश की ओर से की गई टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं।
बंगाल सरकार की रिपोर्ट में डेट वाइज हिंसा के बारे में बताया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 अप्रैल को जंगीपुर में करीब 8 से 10 हजार की संख्या में भीड़ जुटी और उस दिन हिंसा में पुलिस की जान लेने की कोशिश की गई।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा से पहले 10,000 लोगों की भीड़ जमा हुई थी। भीड़ ने SDPO की ग्लॉक पिस्तौल भी छिन ली थी। इस बारे में राज्य सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती पर फैसला सुरक्षित रखा। कोर्ट ने हिंसा प्रभावितों के पुनर्वास और शांति के लिए NHRC, WBHRC और SLSA के सदस्यों की तीन सदस्यीय समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया।
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने नौ अधिकारियों की टीम बनाई है, जो पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी। वहीं, इस मामले पर जमकर सियासत भी हो रही है। ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार तो विपक्षी दलों ने ममता को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर सुनवाई के दौरान हिंसक प्रदर्शनों पर चिंता जताई। अदालत ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान हो रही हिंसा को ‘बहुत व्यथित करने वाला’ करार दिया।
मुर्शिदाबाद के धुलियान में आज सुबह फिर आगजनी की घटना हुई। इस इलाके में एक समुदाय विशेष की दुकान को जला दिया गया। यह दुकान चूड़ी और कॉस्मेटिक्स की थी।
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