मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने के बाद राजेंद्र सिंह गुढ़ा सीएम अशोक गहलोत पर हमलावर हैं। गुढ़ा का कहना है कि उन्हें सच बोलने की सजा दी गई है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास के लिए राज्य मंत्री का प्रभार था।
इससे पहले राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने विधानसभा में राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध की हालिया घटनाओं पर अपनी ही सरकार की आलोचना की थी। जिसके बाद कहा जा रहा था कि सीएम गहलोत खफा हैं।
राजेंद्र सिंह गुढ़ा के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी ने गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है। बीजेपी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का क्या हाल है, यह सरकार के ही मंत्री ने बता दिया है।
राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनाव और विवाद जगजाहिर है। इस बीच सचिन पायलट ने बड़ा बयान देकर राजनीतिक विवाद को ठंडा कर दिया है। पायलट ने कहा कि माफ करो और भूल जाओ के सिद्धांत पर चलूंगा।
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इस साल जिन भी राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उससे पहले पार्टी सभी विवादों को सुलझाना चाहती है। इसी क्रम में अब बारी राजस्थान की है। पार्टी ने छत्तीसगढ़ के विवाद को सुलझा लिया है और अब सारा ध्यान राजस्थान पर केंद्रित है।
इस साल जिन भी राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उससे पहले पार्टी सभी विवादों को सुलझाना चाहती है। इसी क्रम में अब बारी राजस्थान की है। पार्टी ने छत्तीसगढ़ के विवाद को सुलझा लिया है और अब सारा ध्यान राजस्थान पर केंद्रित है।
महाराष्ट्र की सियासत में हुए घटनाक्रम के बाद राजस्थान कांग्रेस एक्टिव मोड में हो गई है। कांग्रेस नहीं चाहती कि विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में भी महाराष्ट्र जैसा कुछ हो। इसलिए अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ कांग्रेस आलाकमान ने बैठक की है।
Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी खींचतान पर आज कोई बड़ा फैसला हो सकता है...राजस्थान कांग्रेस को लेकर दिल्ली में आज कांग्रेस की बड़ी बैठक हो रही है...सुबह 11 बजे होने वाली बैठक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में होगी...
कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान के मामले को सुलझाने में जुट गया है। चुनाव से पहले एक समाधान तलाशने की कोशिशें हो रही है। सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट राजस्थान में अपनी भूमिका चाहते हैं, वे दिल्ली में कोई पद नहीं लेंगे।
इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच करारी टक्कर होनी तय है। कांग्रेस चुनावों से पहले अपने सभी अंदरूनी झगड़े सुलझा लेना चाहती है। इसी क्रम में अब पार्टी आलाकमान का पूरा ध्यान इसी मसले पर है।
Sachin Pilot Rally: पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा में सचिन पायलट की जनसभा...नई पार्टी बनाने की अटकलें...कांग्रेस का बयान..राजस्थान में ऑल इज वेल ।
चर्चा थी कि दौसा रैली में सचिन पायलट नई पार्टी का ऐलान भी कर सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व लगातार पायलट के ऐसे किसी भी कदम से इनकार करता रहा।
राजस्थान में सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच अदावत खत्म नहीं हुई है। पायलट ने ऐलान किया था कि वो एक नई पार्टी बनाएंगे लेकिन वेणुगोपाल ने इसे अफवाह करार दिया है।
राजेश पायलट की पुण्यतिथि 11 जून को सचिन पायलट शक्ति प्रदर्शन कर सकते हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सचिन पायलट नई पार्टी बना सकते हैं या फिर कांग्रेस छोड़ सकते हैं।
अशोक गहलोत ने कहा कि वह सचिन पायलट को ढाई साल की उम्र से जानते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुई सुलह बैठक के दौरान पायलट ने खुद उन्हें यह बताया था।
गहलोत सरकार के पूर्ववर्ती कार्यकाल में मंत्री रहे भरत सिंह कुंदनपुर कोटा के सांगोद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि जब ‘‘दुकानदार बूढ़ा हो जाता है’’, तो अगली पीढ़ी आगे की सीट ले लेती है जबकि बुजुर्ग दुकानदार नजर रखता है।
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राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट पार्टी का दामन छोड़ सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वे 11 जून को अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान कर सकते हैं।
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