आज ओलंपिक के विजेता अपने देश वापस लौट रहे हैं। जहां एक ओर दिल्ली में उनके विशेष स्वागत की तैयारी चल रही है वहीं आज संसद में भी सभी खिलाड़ी को बधाई दी गई।
लंबी दूरी की धावक से हॉकी खिलाड़ी और कोच बनी अंकिता कर्नाटक की रहने वाली हैं। वह 4 जनवरी, 2020 को राष्ट्रीय टीम की कोच बनीं। वह तब से महिला राष्ट्रीय हॉकी टीम के साथ काम कर रही हैं।
टोक्यो ओलंपिक का आयोजन कोरोना वायरस महामारी के उत्पन्न हुई जटिलताओं के बीच निर्धारित समय से एक साल बाद किया गया।
लोकसभा और राज्यसभा में आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही टोक्यो ओलंपिक में पदक विजेता खिलाड़ियों को बधाई दी गई
भारत ने सात पदक जीतकर पदकों के लहाज से ओलंपिक में अब तक की सबसे बड़ी सफलता हासिल की है।
ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय खिलाड़ी आज अपने देश वापस लौटने वाले हैं। देशवासी इससे उत्साहित हैं और दिल्ली में उनके भव्य स्वागत की तैयारी चल रही है।
भारतीय खिलाड़ियों के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटने की संभावना है। खिलाड़ियों के स्वागत के लिए उनके शहरों और गांव से लोग दिल्ली आ रहे हैं।
कुछ खबरों के अनुसार परिसंघ को इस बात की जानकारी नहीं थी कि खिलाड़ियों को पदक मंच पर टीम ब्राजील की आधिकारिक पोशाक पहननी होगी।
बिंद्रा ने भी ओलंपिक में एथलेटिक्स में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाने के लिये नीरज को बधाई दी।
यह चोट विकास को ओलंपिक से पहले इटली में ट्रेनिंग टूर के दौरान लगी थी।
कोविड-19 महामारी के दौरान जान गंवाने वालों को याद करते हुए आगे बढ़ने के संदेश के साथ ओलंपिक ध्वज पेरिस को सौंपा गया जहां अगले ओलंपिक खेल तीन साल बाद आयोजित किये जायेंगे।
पूर्व भारतीय एथलीटों ने टोक्यो ओलंपिक से पहले खिलाड़ियों को दिए गए समर्थन के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा की है।
महामारी, एक साल के विलंब और बढ़ती लागत के बावजूद जापान की जनता को तोक्यो ओलंपिक से खुश होने का मौका मिला और यह है कि रिकॉर्ड संख्या में पदक।
Tokyo Olympics 2020 Closing Ceremony: टोक्यो में ओलंपिक 2020 का समापन समारोह आज
भारोत्तोलन के साथ डोपिंग की समस्या भी जुड़ी हुई है और ऐसे में इस खेल पर पेरिस में 2024 खेलों से बाहर किये जाने का खतरा मंडरा रहा है।
टोक्यो ओलंपिक 2020 में एक स्वप्निल अभियान के बाद भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने अपनी सर्वोच्च एफआईएच विश्व रैंकिंग हासिल कर ली है।
भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने रविवार को कहा कि घुटने की चोट के कारण वह लगभग तीन सप्ताह तक मैट (अभ्यास) से दूर रहे थे जिससे ओलंपिक की उनकी तैयारियां प्रभावित हुई।
नीरज चोपड़ा ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला खिलाड़ी बनने के बाद शनिवार को जब तोक्यो ओलंपिक खेलों के खेल गांव में पहुंचे तो भारतीय दल ने उनका जोरदार स्वागत किया।
टोक्यो ओलंपिक में भारत की ओर से जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया l उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका l देखिए इतिहास रचने की कहानी, खुद नीरज की ज़ुबानी l
भाला फेंक के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने के बाद आगामी प्रतियोगिताओं में 90 मीटर भाला फेंकने को अपना अगला लक्ष्य बनाया है।
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