Sunday, May 05, 2024
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महिला हॉकी टीम की सहायक कोच ने माना, 'हम मेडल से चूक गए लेकिन हमने दिल जीत लिया'

लंबी दूरी की धावक से हॉकी खिलाड़ी और कोच बनी अंकिता कर्नाटक की रहने वाली हैं। वह 4 जनवरी, 2020 को राष्ट्रीय टीम की कोच बनीं। वह तब से महिला राष्ट्रीय हॉकी टीम के साथ काम कर रही हैं।

IANS Edited by: IANS
Published on: August 09, 2021 12:01 IST
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Image Source : TWITTER/RANIRAMPAL Indian women's hockey team

भारतीय महिला हॉकी टीम की सहायक कोच अंकिता बी.एस. ने कहा है कि ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन से पता चलता है कि हॉकी अभी भी जिंदा है और आगे बढ़ रहा है। जहां पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता, वहीं महिला हॉकी टीम कांस्य पदक के प्ले-ऑफ में ग्रेट ब्रिटेन से हार गई।

अंकिता ने बताया की, अब हर कोई हॉकी के बारे में बात कर रहा है। भारत में, बात केवल क्रिकेट की होती है लेकिन इस आयोजन के बाद, हर घर हॉकी के बारे में बात कर रहा है। हॉकी खिलाड़ी होने के नाते, मैं कह सकती हूं कि महिला टीम के शानदार प्रदर्शन ने दुनिया को दिखाया है कि हॉकी अभी भी जीवित है। हमने भले ही पदक नहीं जीता हो, लेकिन निश्चित रूप से हमने दिल जीत लिया है।

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लंबी दूरी की धावक से हॉकी खिलाड़ी और कोच बनी अंकिता कर्नाटक की रहने वाली हैं। वह 4 जनवरी, 2020 को राष्ट्रीय टीम की कोच बनीं। वह तब से महिला राष्ट्रीय हॉकी टीम के साथ काम कर रही हैं।

अंकिता ने कहा, मेरे माता-पिता सुरेश बीए, धर्मावती ने पांच साल की उम्र में एक एथलीट के रूप में मेरे सपनों को प्रोत्साहित किया। अब, मुझे पति होन्नमपदी सुरेश कुशलप्पा का समर्थन प्राप्त है। लड़कियों के लिए बाधाओं से लड़ने और हासिल करने का समय आ गया है। यह माता-पिता और पतियों का कर्तव्य है कि वे उनका समर्थन करें।"

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