चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पास एक ऐसी अनोखी कार है, जो दुनिया में किसी नेता के पास नहीं है। उनकी कार के कायल तो खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन हैं, जिन्होंने जिनपिंग की कार की तारीफ भी की। जानिए इस कार में ऐसा क्या है खास?
सैन फ्रांसिस्को में अमेरिका-चीन सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जरूरत से ज्यादा आवभगत किए जाने पर एक अमेरिकी सांसद भड़क उठे हैं। सांसद क्रिस स्मिथ ने कहा कि चीन उइगर मुसलमानों समेत अन्य के मानवाधिकार हनन का दोषी है और दूसरे देशों की जमीन हड़पता है। दमनकारी को ऐसी आवभगत क्यों दी गई?
सैन फ्रांसिस्को में 15 नवंबर को हुए अमेरिका-चीन सम्मेलन के बाद अचानक तिब्बत का मुद्दा भी उछल गया है। अमेरिका से इस मुद्दे पर एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने चीन पर दबाव बनाने की मांग की है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस मुद्दे को समाधान कराने का उनका पुराना वादा भी याद दिलाया है।
अमेरिका-चीन सम्मेलन भले ही दोनों देशों के बीच कड़वाहट भरे रिश्तों में मिठास पैदा करने के प्रयास के तहत किया गया हो। बावजूद दोनों देशों के पूर्व रुख में खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। सम्मेलन के अगले ही दिन बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति को तानाशाह कहा और अब एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि जो चीन को पसंद न हो वही बात कहेंगे।
अमेरिका और चीन के राष्ट्रपतियों के बीच हुई रणनीतिक द्विपक्षीय वार्ता से क्या दोनों देशों के संबंध अब वाकई में बहाल हो जाएंगे। बाइडेन और जिनपिंग के बीच बातचीत में अमेरिका और चीन के संबंधों को भविष्य में बिगड़ने नहीं देने पर प्रतिबद्धता जताई गई है। इसके लिए इस खास तरीके पर चर्चा हुई।
अमेरिका-चीन के बीच हुई द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता के महज कुछ घंटे बाद ही दोनों देशों के रिश्तों में फिर से कड़वाहट के संकेत मिलने लगे हैं। हालांकि शी जिनपिंग के साथ बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे बहुत ही सकारात्मक कहा था। मगर अब बाइडेन ने जिनपिंग को तानाशाह करार दिया है।
चीन में आबादी बूढ़ी होती जा रही है, जो कि संकट का विषय है। यही नहीं, बच्चे पैदा करने की दर में गिरावट आ गई है, जिससे चीनी राष्ट्रपति टेंशन में आ गए हैं। उन्होंने महिलाओं से बच्चे पैदा करने के लिए शादी करने की अपील की है।
चीन ने इजरायल हमास के बीच शांति बहाली करने का प्रयास शुरू कर दिया है। इस बाबत चीन ने अपने एक दूत को पश्चिम एशिया भेजा है। वार्ता के जरिये चीन युद्ध में शांति बहाली चाहता है। हालांकि अभी तक चीन ने इजरायल पर हमास के हमले की निंदा नहीं की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ अब इजरायल और हमास युद्ध दुनिया के लिए नया चैलेंज है। तीसरे विश्वयुद्ध के खतरों के बीच दुनिया दो ध्रुवों में बंट रही है। इसके परिणाम कितने घातक होंगे, यह आने वाला वक्त बताएगा। मगर आधुनिक बमों, मिसाइलों और शक्तिशाली परमाणु बमों से मानवता का नामों-निशां मिट जाने का खतरा है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन की यात्रा पर पहुंच चुके हैं। वे मंगलवार को बीजिंग हवाई अड्डे पर उतरे, जहां उनका पारंपरिक स्वागत किया गया। वे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव फोरम के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए हैं। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ जारी वारंट के बीच पहली बड़ी विदेश यात्रा है।
भारत चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना के सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। यह भारत के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के विरोध को भी दर्शाता है, जो पीओके से गुजर रहा है। भारत ने चीन की इस परियोजना को संप्रभुता के खिलाफ बताया है। चीन के अनुसार भारत के अलावा 140 देश सम्मेलन में शामिल होंगे।
इजरायल पर हमास के हमले ने साल की शुरुआत से वैश्विक शांति का मसीहा बनने की कोशिशें कर रहे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सारे किए धरे पर पानी फेर दिया।
अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों को सामान्य करने की कवायद की तहत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच नवंबर में मुलाकात हो सकती है। वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबकि दोनों नेताओं की मुलाकात सेन फ्रांसिस्को में हो सकती है।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने चीन के साथ संबंधों को गहरा करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। चीन दौरे से लौटने के बाद प्रचंड ने कहा कि दोनों देशों के संबंध पहले से गहरे हुए हैं। उन्होंने नेपाल के पोखरा से चीन के चेंगदू तक सीधी उड़ान शुरू होने की बात भी बताई है।
पिछले दो सप्ताह से चीन के रक्षा मंत्री नहीं देखे गए हैं। इस पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले चीनी विदेश मंत्री लापता हो गए थे। बाद में उन्हें पद से हटा दिया गया था।
भारत में आयोजित जी20 से निकलकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन वियतनाम पहुंचे। यहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे जल्द ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने वाले हैं।
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी चीन के महत्वाकांक्षी BRI प्रोजेक्ट से बाहर निकलना चाहती हैं। जी20 की बैठक के दौरान भारत ने कई देशों के लिए बीआरआई के समान ही नए आर्थिक गलियारे को लॉन्च करने की घोषणा की।
चीन की तरफ से पिछले दिनों एक नया नक्शा जारी किया गया जिसे लेकर न सिर्फ भारत बल्कि रूस, जापान, फिलीपींस और ताइवान ने भी कड़ा एतराज जताया है।
चीन ने अचानक Iphone के इस्तेमाल पर बैन लगाकर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। हालांकि चीन ने यह आदेश सिर्फ अपने सरकारी अधिकारियों के लिए दिया है। चीनी सरकार के निर्देश के मुताबिक सरकारी दफ्तर में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी आइफोन और अन्य विदेशी फोन का इस्तेमाल नहीं करेगा।
आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार देश में इतना बड़ा इवेंट होने जा रहा है इसलिए जी-20 समिट को लेकर सबकी निगाहें भारत पर हैं। इस समिट से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंटरव्यू दिया है।
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