Sunday, April 28, 2024
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CM योगी का जोशीला भाषण, 'देश और परिवार में से किसी एक को चुनना होगा तो पहले देश को चुनूंगा'

सीएम योगी ने आज ग्रेटर नोएडा की एक यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। यहां छात्रों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि सभी के अंदर नेशन फर्स्ट की भावना होनी चाहिए, तभी हम 2047 तक भारत को विकसित कर सकेंगे।

Amar Deep Edited By: Amar Deep
Published on: December 08, 2023 17:30 IST
सीएम योगी ने दिया जोशीला भाषण।- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA सीएम योगी ने दिया जोशीला भाषण।

गौतमबुद्ध नगर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए हमें अपने इंस्टीट्यूशन्स को इंडस्ट्री के साथ जोड़ना ही होगा। अगले 25 साल के लिए हमें अपना लक्ष्य तय करना होगा। जब देश की 142 करोड़ की आबादी एक स्वर से आगे बढ़ने के संकल्प के साथ उठ खड़ी होगी तो कोई कारण नहीं कि हमारा देश विकसित भारत ना बने। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा स्थित बैनेट यूनिवर्सिटी के 5वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधरोपण किया। इस अवसर पर बीटेक छात्र ने मुख्यमंत्री को श्रीराम दरबार का चित्र भेंट किया।

संस्कार और डिग्री दोनों जरूरी

सीएम योगी ने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह प्राचीन भारत के विश्वविद्यालय और गुरुकुलों के समावर्तन समारोह का परिवर्तित रूप है। प्राचीन भारत के विश्वविद्यालय पूरी दुनिया के स्नातकों के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट के बेहतरीन केंद्र थे। सीएम ने तैतरीय उपनिषद के श्लोक 'सत्यं वद धर्मं चर स्वाध्यायान्मा प्रमदः' की चर्चा करते हुए कहा कि सत्य बोलना, धर्म का आचरण करना, स्वाध्याय में आलस न करना, सत्य के मार्ग से न हटना, धर्म के मार्ग से न हटना, कुशल कार्य में किसी भी आलस से बचना, महान बनने के अवसर से न चूकना, पठन-पाठन के कर्तव्य से आलस न करना, देव और पितरों के प्रति कर्तव्य से आलस्य न करना, माता-पिता, गुरुजनों और अतिथि को देवता की तरह सम्मान देना, यह हर स्नातक से भारत की अपेक्षा रहती थी। जब हम इस संस्कार के साथ डिग्री देते थे तो भारत दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में स्थापित था।

 देश के बाद हो मेरा परिवार की भावना 

सीएम योगी ने कहा कि जब सामान्य जीवन में जिसे हम धर्म कहते हैं वो वास्तव में धर्म नहीं है, यह मात्र उसका एक भाग हो सकता है। उपासना विधि को धर्म नहीं मान सकते। ये व्यक्तिगत कार्य है। धर्म एक व्यापक अवधारणा है, जो हमें कर्तव्यों, नैतिक मूल्यों के साथ सदाचार के मार्ग का अनुसरण करने की प्रेरणा देता है। जब-जब भारत के युवाओं ने इस मार्ग का अनुसरण किया तब भारत को दुनिया की बड़ी ताकत बनने में देर नहीं लगी। उन्होंने प्रधानमंत्री के 'पंच प्रण' की चर्चा करते हुए कहा कि ये हर भारतवासी का संकल्प बनना चाहिए, फिर चाहे वो जिस भी क्षेत्र में कार्य कर रहा हो। यह तभी हो पाएगा जब हम सबके सामने देश के लिए नेशन फर्स्ट का विजन हो। हमारा हर काम देश के नाम होना चाहिए। मेरा व्यक्तिगत, मेरा परिवार की भावना को देश के बाद रखना होगा।

(इनपुट: आईएएनएस)

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