जापान के गिफू प्रान्त में कानी शहर (Kani City) के अमागामिने पहाड़ (Mount Amagamine) के नीचे एक ऐसी बाढ़ सुरंग है, जहां लोगों के आना-जाने पर पाबंदी है। इस सुरंग में कोई आता-जाता नहीं है। ये सुरंग अपनी अनोखी विशेषता के कारण दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस सुरंग के बीच में एक लाल तोरी गेट खड़ा है, जो शिंटो धर्म में पवित्र स्थानों के प्रवेश द्वार का प्रतीक होता है। यह दृश्य न केवल रहस्यमयी और भयावह है, बल्कि इंटरनेट पर वायरल तस्वीरों और वीडियो के जरिए लोगों के बीच भी अब चर्चा का वि।य बन चुका है।
जापान में बना है यह सुरंग
कानी शहर, गिफू प्रान्त में, नागोया से लगभग 30 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह सुरंग, जिसे "अमागामिने ओचोबो इनारी श्राइन" (Amagamine Ochobo Inari Shrine) के नाम से भी जाना जाता है। इसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों के लिए बनाया गया था। युद्ध के समय इस सुरंग का उपयोग भूमिगत हथियार कारखाने के रूप में किया जाता था। युद्ध समाप्त होने के बाद यह सुरंग विरान हो गई, और बाद में इसे एक शिंटो उत्सव का स्थल बनाया गया।
लोग यहां मनाया करते थे उत्सव
शिंटो धर्म में तोरी गेट एक पवित्र प्रतीक है, जो सामान्य दुनिया और पवित्र क्षेत्र के बीच की सीमा को दर्शाता है। यह गेट आमतौर पर मंदिरों या पवित्र स्थानों के प्रवेश द्वार पर पाया जाता है। लेकिन कानी शहर की इस सुरंग में एक लाल तोरी गेट का होना असामान्य और रहस्यमयी है। यह गेट अमागामिने ओचोबो इनारी श्राइन का हिस्सा है, जो इनारी (शिंटो के चावल और समृद्धि के देवता) को समर्पित है। इनारी के मंदिरों में अक्सर लोमड़ियों (कित्सुने) की मूर्तियां होती हैं, जो इनारी के दूत माने जाते हैं।
इस सुरंग में स्थित तोरी गेट के बारे में कहा जाता है कि यह उस समय स्थापित किया गया था, जब यहां "कैवर्न समर फेस्टिवल" (Cave Summer Festival) का आयोजन होता था। यह उत्सव हर साल जुलाई में आयोजित किया जाता था, जिसमें स्थानीय लोग और पर्यटक इस सुरंग में एकत्र होते थे। उत्सव के दौरान लालटेन, कित्सुने मास्क, और ताइको ड्रम की आवाजें इस ठंडी, नम सुरंग को जीवंत बना देती थीं।
परित्यक्त होने की कहानी
2016 के बाद से यह सुरंग पूरी तरह विरान हो गई, जब बाढ़ के कारण यह आंशिक रूप से जलमग्न हो गई। इसके बाद उत्सव बंद हो गया, और श्राइन की देखभाल भी रुक गई। अब इस सुरंग में केवल वह लाल तोरी गेट, कुछ जंग खाए ट्रक, और बिखरे हुए उत्सव के अवशेष बचे हैं, जैसे कि लालटेन और मोल्ड से ढका इनारी का मंदिर। जापानी शहरी खोजकर्ता (urban explorer) साहो (Saho) ने इस स्थान की तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर शेयर कीं, जिसके बाद यह वायरल हो गया। तस्वीरों में गीली, अंधेरी सुरंग में खड़ा लाल तोरी गेट एक डरावनी फिल्म के दृश्य जैसा लगता है।
डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित है। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
ये भी पढ़ें:
चैन की नींद सो रहा था शख्स, आंख खुलते ही घर के बाहर टहलते नजर आए शेर