Thursday, December 12, 2024
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काम नहीं आया बाइडेन का बीजिंग दौरा, चीन ने 5 अमेरिकी कंपनियों पर लगा दिया प्रतिबंध

अमेरिका और चीन में एक बार फिर ठन गई है। दोनों देशों के संबंध दोबारा तनावपूर्ण हो गए हैं। चीन ने 5 अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाकर जो बाइडेन को बड़ा झटका दिया है। हालांकि नवंबर 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीजिंग का दौरा कर दोनों देशों के संबंधों में घुली कड़वाहट दूर करने का प्रयास किया था।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jan 07, 2024 10:44 IST, Updated : Jan 07, 2024 10:44 IST
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन। - India TV Hindi
Image Source : AP चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन।
चीन से संबंधों को सुधारने के लिए नवंबर 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की बीजिंग यात्रा अब विफल होती दिख रही है। हालांकि तब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग के बीच 4 घंटे तक हुई वार्ता को काफी सकारात्मक करार दिया गया था और इसे दोनों देशों के रिश्तों में घुली कड़वाहट को दूर करने वाला कदम बताया गया था। मगर अब चीन ने पैंतड़ा बदल दिया है। बाइडेन के बीजिंग दौरे के करीब 2 माह बाद चीन ने 5 अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाकर ह्वाइट हाउस को बड़ा झटका दिया है। इससे दोनों देश एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। 
 
दरअसल चीन ने ताइवान को हथियार बेचने और चीनी कंपनियों तथा नागरिकों पर प्रतिबंध लगाए जाने के जवाब में अमेरिका की रक्षा से जुड़ी पांच कंपनियों पर रविवार को प्रतिबंध लगा दिया। विदेश मंत्रालय ने ऑनलाइन जारी किए एक बयान में कहा कि इन प्रतिबंधों से चीन में इन कंपनियों की संपत्ति कुर्क हो जाएगी और चीन में स्थित संगठन और लोगों के उनके साथ कारोबार करने पर मनाही होगी। जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं उनमें बीएई सिस्टम्स लैंड एंड आर्मामेंट, एलियंट टेकसिस्टम्स ऑपरेशन, एयरोविरोनमेंट वियासैट एंड डेटा लिंक सॉल्यूशंस शामिल हैं।
 

चीन ने लगाया अमेरिका पर ये आरोप

अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के कदमों ने चीन की संप्रभुत्ता और सुरक्षा हितों को नुकसान पहुंचाया है, ताइवान जलडमरूमध्य में शांति एवं स्थिरता को कमजोर किया है और चीनी कंपनियों तथा नागरिकों के अधिकारों व हितों का उल्लंघन किया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘चीन सरकार राष्ट्रीय संप्रभुत्ता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा और चीनी कंपनियों तथा नागरिकों के कानूनी अधिकारों और हितों की रक्षा के हमारे संकल्प पर अडिग है।’’ चीन उसके पूर्वी तट पर स्थित स्व:शासित ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता है। इसलिए चीन ने ये कदम उठाया है। (एपी) 

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