Saturday, April 20, 2024
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हर रविवार जाते हैं मंदिर, पंजाब से परिवार, गीता पर हाथ रख ली शपथ, अब ब्रिटेन का अगला PM बन सकते हैं Rishi Sunak, जानिए उनसे जुड़ी खास बातें

चुनाव के अभी तक के नतीजे देखें, तो ऐसी संभावना है कि ऋषि सुनक ही ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं। ऋषि की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। उनकी पत्नी का जन्म भारत में ही हुआ था।

Shilpa Written By: Shilpa
Updated on: July 15, 2022 16:05 IST
Rishi Sunak- India TV Hindi
Image Source : PTI Rishi Sunak

Highlights

  • ब्रिटेन के नए पीएम की रेस में सबसे आगे हैं ऋषि
  • दूसरे चरण के मतदान में दोबारा जीत हासिल की
  • ऋषि सुनक की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं

Rishi Sunak: कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में बोरिस जॉनसन की जगह लेने की दौड़ में ऋषि सुनक ने अपनी मजबूत पकड़ बनाई हुई है। गुरुवार को दूसरे चरण के मतदान में उन्होंने 101 मतों के साथ दोबारा जीत हासिल की। टोरी पार्टी के नेतृत्व की इस स्पर्धा में अब केवल पांच उम्मीदवार बचे हैं। भारतीय मूल की एटॉर्नी जनरल सुएला ब्रेवरमैन सबसे कम 27 मत प्राप्त होने के साथ ही इस दौड़ (Britain PM Race) से बाहर हो गई हैं। सांसदों द्वारा दूसरे चरण के मतदान के बाद आगे बढ़ती इस प्रतियोगिता में सुनक के अलावा व्यापार मंत्री पेनी मोरडुएंट (83 वोट), विदेश मंत्री लिज ट्रस (64 वोट), पूर्व मंत्री केमी बाडेनोक (49 वोट) और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता टॉम टुगेनडैट (32 वोट) बचे हैं।

1922 कमेटी के अध्यक्ष ग्राहम ब्रेडी ने जैसे ही टोरी सांसदों द्वारा 356 वोट डाले जाने के बाद ताजा परिणाम पढ़ा, उसके बाद सुनक ने कहा कि वह उनका समर्थन करने वाले सहयोगियों के प्रति आभारी हैं। चुनाव के अभी तक के नतीजे देखें, तो ऐसी संभावना है कि ऋषि सुनक ही इस देश के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं। ऋषि की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। उनकी पत्नी का जन्म भारत में ही हुआ था। वह इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं। ऋषि खुद भी कह चुके हैं कि उन्हें एशियाई मूल का होने पर गर्व है। साल 2015 से वह यॉकशायर के रिचमंड से कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद हैं। वह अपने परिवार के साथ कार्बी सिग्सटन में रहते हैं। तो चलिए अब उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें जान लेते हैं।

हैम्पशायर में हुआ जन्म

ऋषि सुनक के दादा दादी पंजाब से पूर्वी अफ्रीका आकर बस गए थे। उनके पिता यशवीर का जन्म केन्या में हुआ और मां ऊषा का जन्म तंजानिया। 1960 में उनके दादा दादी अपने बच्चों के साथ ब्रिटेन आ गए। ऋषि के पिता डॉक्टर और मां फार्मासिस्ट थीं। वहीं ऋषि का जन्म 1980 में साउथहैंपटन के हैम्पशायर में हुआ था। उन्होंने प्राइवेट स्कूल विनचेस्टर कॉलेज से पढ़ाई की थी। फिर उन्होंने आगे की पढ़ाई ऑक्सोफर्ड से की। यहां उन्होंने फिलॉस्फी, पॉलिटिक्स और इकॉनमिक्स की पढ़ाई की। आमतौर पर ब्रिटिश राजनेता इन्हीं विषयों की पढ़ाई करते हैं। देश के अधिकतर प्रधानमंत्रियों और बड़े नेताओं ने ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई की है। ऋषि सुनक ने अपनी एमबीए स्टैफोर्ड यूनिवर्सिटी से की है।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अक्षता से मुलाकात

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में ही उनकी मुलाकात अक्षता मूर्ति से हुई। जहां दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। इसके बाद दोनों ने शादी कर ली। इनकी दो बेटी हैं। अभी ऐसी जानकारी सामने नहीं आई है कि ऋषि किस चीज से प्रेरित होकर राजनीति में आए। उन्होंने पढ़ाई खत्म करने के बाद सबसे पहले इन्वेस्टमैंट बैंक गोल्डमैन साक्स में काम किया। उन्होंने अपनी इन्वेस्टमेंट कंपनी भी शुरू की।

ससुर की कंपनी में डायरेक्टर भी रहे

ऋषि ने बैंक में 2001 से 2004 तक विश्लेषक के तौर पर काम किया था। फिर उन्होंने चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट कंपनी में काम करना शुरू किया। 2016 में कंपनी में पार्टनर बन गए। इसके बाद उन्होंने अपने एक पुराने सहकर्मी के साथ एक कंपनी खोली। वह अपने ससुर नारायण मूर्ति की कंपनी कटमरैन वेंचर्स में डायरेक्टर रहे थे। ऋषि और अक्षता की गिनती ब्रिटेन के सबसे अमीर लोगों में होती है। 

रिचमंड सीट से सांसद बने

ऋषि सुनक ने बाद में राजनीति में कदम रखा और 2014 में कंजर्वेटिव पार्टी की तरफ से उन्हें रिचमंड सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया। ये सीट इसलिए इतनी अहम थी, क्योंकि यहां से ब्रिटेन के महान नेता माने जाने वाले विलियम हेग चुनाव लड़ा करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने चुनाव में हिस्सा लेने से मना कर दिया था। इसे ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी की सबसे सुरक्षित सीट भी कहा जाता है। 100 साल से भी अधिक समय से इसपर कंजरर्वेटिव पार्टी ही राज कर रही है। बीते साल सुनक इसी सीट से दूसरी बार सांसद बने हैं। 2018 की शुरुआत में उन्हें ब्रिटेन का आवास मंत्री भी बनाया गया था।

ईयू से बाहर निकलने के समर्थन में अभियान

साल 2015 में उन्होंने आम चुनाव में आसानी से जीत हासिल की थी। ​​2015-2017 में उन्हें पर्यावरण, खाद्य और ग्रामीण मामलों की समिति का सदस्य बनाया गया। सुनक ने ब्रिटेन को यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर निकालने का समर्थन करते हुए जनमत संग्रह के लिए अभियान चलाया, जिसमें उनके निर्वाचन क्षेत्र के 55 फीसदी लोगों ने ब्रिटेन को ईयू से बाहर निकालने के समर्थन में वोट दिया था। वह बोरिस जॉनसन से शुरुआती समर्थकों में से एक थे। 

ऋषि सुनक ने तत्कालीन प्रधानमंत्री थेरेसा मे की ब्रेक्जिट डील पर तीन बार वोट दिया था। वह हाल में ब्रिटिश प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले बोरिस जॉनसन के समर्थक थे। उन्होंने मीडिया में कई बार इस समर्थन को दोहराया था। इसके बाद वह कंजर्वेटिव पार्टी का उभरता सितारा बनते गए। पार्टी के बड़े नेताओं ने उनकी सराहना करना शुरू कर दिया। जिसके बाद से पार्टी में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। उन्हें एक सक्षम नेता भी माना जाता है। जॉनसन की सरकार में वह ब्रिटेन के वित्त मंत्री रहे हैं। ऋषि ने कैबिनेट में सबसे पहले इस्तीफा दिया था, जिसके बाद देश में राजनीतिक संकट शुरू हो गया। उसी के बाद नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए चुनाव कराए जा रहे हैं।

शराब और सिगरेट से रहते हैं दूर

ऋषि सुनक की वेबसाइट के अनुसार, वह न केवल फिट हैं, बल्कि उन्हें क्रिकेट, फुटबॉल और फिल्में देखना काफी पसंद है। साउथहैंपटन फुटबॉल खिलाड़ी मैट ले टेजियर बचपन में उनके हीरो रहे हैं। उनका धर्म हिंदू है। उन्होंने ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। वह शराब और सिगरेट से पूरी तरह दूर रहते हैं।

तीन बहन भाई हैं ऋषि सुनक

परिवार की बात करें, तो ऋषि सुनक कुल तीन बहन भाई हैं। उनका एक भाई और एक बहन है। भाई संजय मनोचिकित्सक हैं और बहन रेखा अफसर। ऋषि हमेशा से ही कहते हैं कि उनकी एशियाई पहचान उनके लिए काफी अहमियत रखती है। वह खुद कह चुके हैं कि हर हफ्ते रविवार को मंदिर जाते हैं।

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