
ईरान के परमाणु कार्यक्रम के चलते इजराइल और अमेरिका के साथ इस इस्लामिक देश के रिश्ते बेहद खराब हो चुके हैं। इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर कई वैज्ञानिकों और सैन्य प्रमुख को मार गिराने का दावा किया है। इसके जवाब में ईरान ने भी इजराइल पर ड्रोन अटैक किया है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ईरान को कई बार परमाणु समझौता करने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माने। अब उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। इस दौरान उन्होंने ईरान पर खतरनाक हमले की भी बात कही। मिडिल ईस्ट में अमेरिकी मिलिट्री बेस कहां-कहां हैं, जिनका इस्तेमाल ईरान के खिलाफ हो सकता है। आइए जानते हैं।
मिडिल ईस्ट में अमेरिका के 19 सैन्य ठिकाने हैं, जिसमें बहरीन, मिस्र, इराक, जॉर्डन, कुवैत, कतर, सऊदी अरब और यूएई शामिल हैं। इस क्षेत्र में लगभग 40,000 से 50,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जिनमें से अधिकांश कतर, बहरीन, कुवैत, यूएई और सऊदी अरब में हैं।
मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सैन्य ठिकाने
- अल उदीद एयर बेस, कतर: इस क्षेत्र में सबसे बड़ा अमेरिकी बेस, जहां लगभग 10,000 सैनिक रहते हैं और यह सेंटकॉम के अग्रिम मुख्यालय के रूप में कार्य करता है।
- एनएसए बहरीन: अमेरिकी नौसेना के पांचवें बेड़े का मुख्यालय, जो खाड़ी में समुद्री मार्गों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- कैम्प आरिफजान और अली अल सलेम एयर बेस, कुवैत: अमेरिकी अभियानों के लिए प्रमुख रसद और कमांड केंद्र।
- अल-धफरा एयर बेस, संयुक्त अरब अमीरात: उन्नत एफ-22 स्टील्थ लड़ाकू विमानों और निगरानी विमानों का अड्डा।
- इराक में एरबिल एयर बेस, अल असद एयरबेस, ताजी और बलाद बेस: उत्तरी इराक और सीरिया में आतंकवाद विरोधी और सलाहकार मिशनों को समर्थन प्रदान करना।
- प्रिंस सुल्तान एयर बेस, सऊदी अरब: सामरिक हवाई परिचालन केंद्र।
- मुवफ्फाक साल्टी एयर बेस, जॉर्डन: प्रमुख क्षेत्रीय सैन्य सुविधा।
हमलों पर ईरान की प्रतिक्रिया
परमाणु और ठिकानों पर इजराइल के हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल को कड़ी सजा देने की कसम खाई, जबकि हमले में साथ देने के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया। खामेनेई ने कहा कि ईरान को जवाबी कार्रवाई करने का वैध अधिकार है और चेतावनी दी कि अमेरिका परिणामों के लिए जिम्मेदार होगा। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इजराइल के हमले एकतरफा कार्रवाई हैं और अमेरिका इस ऑपरेशन में शामिल नहीं था।