Wednesday, May 15, 2024
Advertisement

Ukraine-Russia War: यूक्रेन में किराये की कोख से पैदा बच्चों को अपने मां-बाप का इंतजार

यूक्रेन में सरोगेसी उद्योग तेजी से फल-फूल रहा है। यह उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जो विदेशी जोड़ों के लिए सरोगेसी की सेवा उपलब्ध कराते हैं। देश में किराये की कोख से जन्मे ज्यादातर बच्चों के माता-पिता यूरोप, लातिन अमेरिका और चीन में रहते हैं। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 20, 2022 14:02 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : PTI प्रतीकात्मक फोटो

Highlights

  • यूक्रेन में सरोगेसी उद्योग तेजी से फल-फूल रहा है
  • यूक्रेन उन चुनिंदा देशों में शामिल है विदेशी जोड़ों के लिए सरोगेसी की सेवा उपलब्ध कराते हैं
  • किराये की कोख से जन्मे ज्यादातर बच्चों के माता-पिता यूरोप, लातिन अमेरिका और चीन में रहते हैं

कीव: यूक्रेन की राजधानी कीव में एक बम रोधी आश्रय स्थल में किराये की कोख से जन्मे कम से कम 20 बच्चे अपने विदेशी माता-पिता के युद्धग्रस्त देश में आने और उन्हें ले जाने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ दिन पहले जन्मे इन बच्चों की अच्छी देखभाल हो रही है, लेकिन बेसमेंट में रहने के बावजूद उन्हें समय-समय पर होने वाली गोलाबारी की आवाज साफ सुनाई देती है। सरोगेसी केंद्रों की कई नर्सें भी आश्रय स्थल में ही रह रही हैं, क्योंकि उनके लिए रोजाना घर जाना-आना बहुत खतरनाक है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही बच्चों की रक्षा

कीव पर कब्जे की कोशिशों में जुटे रूसी बलों को यूक्रेनी जवान कड़ी टक्कर दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां अपनी और बच्चों की जिंदगी की रक्षा के लिए रह रहे हैं। वे लगातार जारी बमबारी से बचने के लिए यहां सिर छिपा रहे हैं। ये लोग ताजा हवा में सांस लेने के लिए कुछ समय के लिए आश्रय स्थल से जरूर निकलते हैं, लेकिन ज्यादा देर तक बाहर रहने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे इस युद्ध के बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम न के बराबर नींद ले रहे हैं। ये लोग दिन-रात काम कर रहे हैं।

यूक्रेन में तेजी से फल-फूल रहा किराये की कोख का उद्योग

यूक्रेन में सरोगेसी उद्योग तेजी से फल-फूल रहा है। यह उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जो विदेशी जोड़ों के लिए सरोगेसी की सेवा उपलब्ध कराते हैं। देश में किराये की कोख से जन्मे ज्यादातर बच्चों के माता-पिता यूरोप, लातिन अमेरिका और चीन में रहते हैं। अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि कितने मां-बाप अपने बच्चों को ले जाने आए हैं, कितने बच्चों को अभी भी अपने माता-पिता के आने का इंतजार है और कितनी सरोगेट मांओं का हाल-फिलहाल में प्रसव होना है। आश्रय स्थल में खाने और बच्चों से जुड़ी सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम को इन बच्चों के माता-पिता के यूक्रेन आकर उन्हें साथ ले जाने का इंतजार है।

(इनपुट एपी) 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Around the world News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement