Sunday, April 28, 2024
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जोहॉन्सबर्ग में पीएम मोदी की शी जिनपिंग से संभावित मुलाकात से पहले भारत-चीन सीमा से जुड़ी आई ये प्रमुख खबर

भारत और चीन के बीच जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से ही रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत ने चीन सीमा पर पहले की अपेक्षा कई गुना सैनिकों की तैनाती कर दी है। चीन सीमा पर राफेल और तेजस जैसे लड़ाकू विमानों की भी तैनाती की गई है। विवादित क्षेत्रों में पैट्रोलिंग और सैनिकों की मौजूदगी को लेकर तनाव है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: August 17, 2023 6:29 IST
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग।- India TV Hindi
Image Source : FILE पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग।

जोहॉन्सबर्ग में आगामी हफ्ते होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात से पहले वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़ी प्रमुख खबर सामने आ रही है। भारत और चीन ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 19वें दौर की वार्ता आयोजित की है। इसके बाद चीन ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ सीमा वार्ता का नवीनतम दौर ‘‘स्पष्ट और व्यावहारिक माहौल’’ में आयोजित हुआ तथा दोनों पक्षों के बीच पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष मुद्दे के समाधान को लेकर ‘‘सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा’’ हुई। चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक का 19वां दौर 13 से 14 अगस्त तक भारतीय सीमा की तरफ चुशुल-मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित किया गया। चीन के अनुसार दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।

दो दिवसीय बैठक के बाद जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में गतिरोध वाले शेष स्थानों से सैनिकों की वापसी को लेकर किसी तत्काल सफलता का संकेत नहीं मिला। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को मीडिया के एक सवाल पर कहा, ‘‘चीन बैठक के माध्यम से हुई प्रगति की सराहना करता है। स्पष्ट और व्यावहारिक माहौल में दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के शेष मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा की।’’ वांग ने कहा, ‘‘नेतृत्व द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप उन्होंने खुले और दूरदर्शी तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया।’’ प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और सैन्य तथा राजनयिक माध्यम से बातचीत एवं वार्ता की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए। उन्होंने कहा कि अंतरिम रूप से दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए।

पीएम मोदी जा रहे जोहॉन्सबर्ग

यह वार्ता ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जोहानिसबर्ग यात्रा से कुछ दिन पहले आयोजित की गई, जहां उनकी चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मुलाकात होगी। भारतीय और चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के कुछ बिंदुओं पर तीन साल से अधिक समय से आमने-सामने की स्थिति में हैं। दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है। इससे पहले, 23 अप्रैल को हुई सैन्य वार्ता के 18वें दौर में भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की पैरवी की थी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने 24 जुलाई को जोहानिसबर्ग में पांच देशों के समूह ब्रिक्स की बैठक के मौके पर शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी से मुलाकात की।

भारत कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई, जो पिछले दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था। (भाषा)

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