Saturday, April 27, 2024
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चार मंत्रियों ने दिया प्रचंड सरकार से इस्तीफा, क्या नेपाल में गिरने वाली है सरकार?

राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) के अध्यक्ष और नेपाल के गृहमंत्री रहे रवि लामिछाने और उनकी पार्टी के दो अन्य नेताओं के इस्तीफे के बाद आप राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के अध्यक्ष और उप प्रधानमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री राजेंद्र लिंगडेन समेत पार्टी के चार मंत्रियों ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: February 25, 2023 19:39 IST
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड और साथ में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व विदेश मंत्री एस जयशं- India TV Hindi
Image Source : PTI नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड और साथ में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल)

नई दिल्लीः नेपाल की राजनीति में संकट का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) के अध्यक्ष और नेपाल के गृहमंत्री रहे रवि लामिछाने और उनकी पार्टी के दो अन्य नेताओं के इस्तीफे के बाद आप राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के अध्यक्ष और उप प्रधानमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री राजेंद्र लिंगडेन समेत पार्टी के चार मंत्रियों ने शनिवार को प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘‘प्रचंड’’ को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इससे नेपाल की सरकार डगमगाने लगी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री प्रचंड अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे या फिर जल्द ही उन्हें कुर्सी से बेदखल होना पड़ सकता है?

दरअसल नेपाल में राष्ट्रपति पद के लिए नेपाली कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडेल की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-माओवादी केंद्र, जनता समाजवादी पार्टी और सीपीएन (एकीकृत समाजवादी) पार्टी समेत आठ दलों का नया गठबंधन बनने के मद्देनजर आरपीपी ने सरकार से हटने का फैसला किया है। हालांकि, आरपीपी ने औपचारिक रूप से सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा नहीं की है। मंत्रिपरिषद् में आरपीपी के नेता लिंगडेन के पास ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्रालय, उपाध्यक्ष बिक्रम पांडे के पास शहरी विकास मंत्रालय एवं नेता ध्रुव बहादुर प्रधान के पास कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्रालय था। इसी तरह, दीपक बहादुर सिंह ऊर्जा राज्यमंत्री थे।

आरपीपी 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 14 सीट के साथ पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी है। सीपीएन (माओवादी केंद्र) के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री प्रचंड द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए नेपाली कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडेल का समर्थन करने से सत्तारूढ़ गठबंधन को एक झटका लगा है। राष्ट्रपति चुनाव ने सात दलों वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

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