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PM Modi Laos Visit: लाओस पहुंचे PM मोदी, आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा

पीएम नरेंद्र मोदी लाओस के लिए रवाना हो गए हैं। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published : Oct 10, 2024 8:11 IST, Updated : Oct 10, 2024 13:27 IST
PM Narendra Modi Laos Visit - India TV Hindi
Image Source : @NARENDRAMODI PM Narendra Modi Laos Visit

PM Narendra Modi Laos Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बृहस्पतिवार को दो दिवसीय यात्रा पर लाओस पहुंचे हैं। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य इन समूहों के देशों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना है। लाओस जनवादी लोकतांत्रिक गणराज्य (लाओ पीडीआर) के प्रधानमंत्री सोनेक्‍से सिफनाडोन के निमंत्रण पर मोदी दो दिवसीय यात्रा पर विएंतियाने पहुंचे हैं। लाओस दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन ‘आसियान’ का वर्तमान अध्यक्ष है। इस दौरान मोदी 21वें आसियान-भारत शिखर सम्‍मेलन और 19वें पूर्वी एशिया सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेंगे।

लाओस पहुंचे पीएम मोदी

लाओस में भारतीय प्रवासियों ने पीएम मोदी का किया स्वागत

पीएम मोदी ने क्या कहा

लाओस रवाना होने से पहले जारी एक बयान में पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस साल ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का दशक पूरा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आसियान नेताओं के साथ हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा करूंगा और हमारे सहयोग की भविष्य की दिशा तय करूंगा।’’ उन्होंने कहा कि पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगा। मोदी ने कहा कि लाओस जनवादी लोकतांत्रिक गणराज्य (लाओ पीडीआर) समेत क्षेत्र के साथ भारत के करीबी, सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध हैं जो बौद्ध धर्म और रामायण की साझा विरासत से समृद्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं लाओ पीडीआर नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों को लेकर आशान्वित हूं जिससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जा सकेगा।’’

बाद में मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘21वें आसियान-भारत और 19वें पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के वास्ते लाओ पीडीआर के लिए रवाना हो रहा हूं। यह एक विशेष वर्ष है क्योंकि हम अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक दशक पूरा कर रहे हैं, जिससे हमारे राष्ट्र को काफी लाभ हुआ है।’’

क्या है एक्ट ईस्ट नीति

'एक्ट ईस्ट' नीति का उद्देश्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों पर निरंतर संपर्क के माध्यम से आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को विकसित करना है, जिससे राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और लोगों के आपसी संबंध सहित व्यापक अर्थों में बेहतर संपर्क प्रदान किया जा सके।

यह भी जानें

दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) की स्थापना 1967 में हुई थी। इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, भारत, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और ब्रुनेई दारस्सलाम शामिल हैं। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान के 10 सदस्य देश और आठ साझेदार देश - ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रूस और अमेरिका शामिल हो रहे हैं। तिमोर-लेस्ते को ईएएस में पर्यवेक्षक का दर्जा मिला है।

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