Wednesday, May 15, 2024
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चीन की बढ़ती दादागिरी को कुचलने के लिए इस देश ने बनाया नया प्लान, नए सिरे से कर रहा तैयारी

ऑस्ट्रेलिया को रक्षा पर अधिक पैसा खर्च करने, अपने स्वयं के गोला-बारूद बनाने और लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने की क्षमता विकसित करने की जरूरत है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: April 24, 2023 11:17 IST
चीन की बढ़ती दादागिरी को कुचलने के लिए इस देश ने बनाया नया प्लान, नए सिरे से कर रहा तैयारी- India TV Hindi
Image Source : FILE चीन की बढ़ती दादागिरी को कुचलने के लिए इस देश ने बनाया नया प्लान, नए सिरे से कर रहा तैयारी

Australia-China: चीन की बढ़ती दादागिरी के कारण कई देश परेशान हैं। खासकर दक्षिण चीन सागर में चीन की अकड़ के चलते इस इलाके में स्थित फिलीपींस, वियतनाम, ताइवान जैसे देश परेशान हैं। वहीं दक्षिण हिंद प्रशांत महासागर के दक्षिण में स्थित ऑस्ट्रेलिया भी चीन के बढ़ते प्रभुत्व के कारण सोच में पड़ा हुआ है। चीन की विस्तारवाद की नीति के कारण उसे आलोचनाएं भी झेलना पड़ती है, लेकिन उसकी अकड़ कम नहीं हो रही है। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया ने हिंद प्रशांत और दक्षिण चीन सागर के इलाके में चीन के बढ़ते प्रभुत्व से निपटने के लिए अपने रक्षा तंत्र में बड़े बदलाव की योजना बना रहा है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने बताया कि उनकी सरकार ने यह पता लगाने के लिए समीक्षा की है कि ऑस्ट्रेलिया के पास मौजूदा रणनीतिक माहौल में खुद को बचाने के लिए आवश्यक रक्षा क्षमता है या नहीं। एक सरकारी आयोग की सोमवार को जारी एक समीक्षा के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया को रक्षा पर अधिक पैसा खर्च करने, अपने स्वयं के गोला-बारूद बनाने और लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने की क्षमता विकसित करने की जरूरत है। 

‘ऑकस‘ ग्रुप से चीन को दिखाएंगे उसकी हैसियत

रक्षा सामरिक समीक्षा में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन के बीच तथाकथित समूह ‘ऑकस‘ के बीच प्रगाढ़ साझेदारी का समर्थन किया गया जिसने मार्च में अमेरिकी परमाणु टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित 8 पनडुब्बियों का एक ऑस्ट्रेलियाई बेड़ा बनाने के लिए एक समझौते की घोषणा की थी। ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीस ने कहा कि ‘हम समीक्षा में निर्धारित रणनीतिक दिशा और प्रमुख निष्कर्षों का समर्थन करते हैं, जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा और भविष्य की चुनौतियों के लिए हमारी तैयारी सुनिश्चित करेगा।‘ 

इस गोपनीय समीक्षा में सिफारिश की गई कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के दो प्रतिशत के अभी के खर्च की तुलना में रक्षा पर अधिक खर्च करे। ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल की लंबी दूरी के लक्ष्यों को सटीक रूप से मारने की क्षमता में सुधार किया जाए और घरेलू स्तर पर युद्ध सामग्री का निर्माण किया जाए।

दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सेना का सबसे ज्यादा विस्तार चीन ने किया

समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया कि द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के बाद से चीन की सेना का विस्तार ‘किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक है‘ और यह ‘हिंद-प्रशांत‘ क्षेत्र में चीन के रणनीतिक इरादे में पारदर्शिता या आश्वासन के बिना हो रहा है।‘ रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच दशकों से ऑस्ट्रेलिया की रक्षा नीति का मकसद छोटे या मध्यम-शक्ति वाले पड़ोसियों से संभावित निम्न स्तर के खतरों को रोकना और उनका जवाब देना था। समीक्षा में कहा गया,‘यह रुख अब और काम नहीं आएगा।‘ रिपोर्ट में कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया की सेना‘ वायु सेना तथा नौसेना को ‘समय पर तथा अत्याधुनिक तरीके से सुसज्जित करना होगा। 

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