Tuesday, April 30, 2024
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यूक्रेन को चाहिए 5 लाख से ज्यादा सैनिक, संसद ने बना दिया अनिवार्य सैन्य भर्ती का ये विवादित कानून

रूस के साथ युद्ध में हथियारों और सैनिकों की कमी से जूझ रहे यूक्रेन की संसद ने देश में सैन्य भर्ती का नया कानून बनाया है। इससे विवाद खड़ा हो गया है। यूक्रेन की संसद से पारित नए सैन्य भर्ती कानून के मुताबिक हर किसी को सेना में भर्ती होकर अपनी सेवा देना अनिवार्य कर दिया गया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: April 11, 2024 18:46 IST
प्रतीकात्मक फोटो।- India TV Hindi
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो।

कीव: रूस के साथ 2 वर्षों से अधिक समय से जंग लड़ रहे यूक्रेन के हजारों सैनिक रणभूमि में मारे जा चुके हैं। ऐसे में हथियारों के साथ ही साथ अब यूक्रेन में सैनिकों की कमी भी हो गई है। ऐसे में यूक्रेन  की संसद ने सेना में नये रंगरूट की अनिवार्य भर्ती के तौर-तरीकों को तय करने संबंधी एक विवादास्पद कानून को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी । इसके प्रारंभिक मसौदे को कानून बनने में कई महीनों का विलंब हुआ और इसके प्रावधानों को नरम बनाने के लिए कई संशोधन सौंपे गये । सांसदों ने भी इस कानून को लेकर लंबे समय तक उदासीन रवैया अपनाया हुआ था क्योंकि इसके अलोकप्रिय रहने का अनुमान था।

राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलेंस्की ने दिसंबर में कहा था कि यह कानून यूक्रेन की सेना के अनुरोध के कारण लाया गया है जो 500,000 से अधिक सैनिकों को जुटाना चाहती है। यह कानून पूर्व सेना कमांडर वालेरी जालुझनी के अनुरोध पर तैयार किया गया है, जिन्होंने कहा था कि सेना के विभिन्न रैंकों को मजबूत बनाने के लिए 5,00,000 नयी भर्तियों की जरूरत है। यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले के बाद देश में अग्रिम मोर्चे पर सैनिकों की कमी हो गई है। नए कानून के मसौदे पर यूक्रेन वासियों ने अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई। यह कानून ऐसे समय में पारित हुआ है जब यूक्रेन की ऊर्जा अवसंरचना हालिया सप्ताह में रूस के हमलों में तबाह हो चुकी है।

रूस लगातार कर रहा यूक्रेन पर बड़े हमले

यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि रात भर होने वाले रूस के मिसाइल और ड्रोन हमलों ने कई क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और बिजली संयंत्रों को फिर से निशाना बनाया और कीव क्षेत्र में सबसे बड़े बिजली उत्पादन केंद्र ट्रिपिलस्का ताप बिजली घर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। इस कानून के बाद यूक्रेन के प्राधिकारियों के अधिकारों में वृद्धि होगी जिससे वर्तमान व्यवस्था में कई बदलाव होंगे। निवर्तमान सेना प्रमुख अलेक्ज़ेंडर सिरस्की और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने ऑडिट करने के बाद आंकड़ों की समीक्षा की और कहा कि आवश्यक संख्या उतनी अधिक नहीं है, क्योंकि सैनिकों की क्रमबद्ध तरीके से व्यवस्था की जा सकती है।

यूक्रेन के इस बदलाव से हुआ विवाद

कहा जाता है कि अनिवार्य सैन्य भर्ती के मुद्दे पर जालुझनी को पद से बर्खास्त किया गया था। कानून पर संसद में मतदान होने से पहले रक्षा मामलों की समिति ने मंगलवार को मसौदे से एक अहम प्रावधान को हटा दिया था। यह प्रावधान, युद्ध मोर्चे पर तैनाती के 36 माह बाद सैनिकों को पुन: सेवा में भेजना सुनिश्चित करता था। इस प्रावधान को हटाए जाने से कई सांसदों को आश्चर्य हुआ क्योंकि यह यूक्रेनी नेतृत्व का वादा था।

रूसी हमले से 2 लाख घरों में अंधेरा

रात को हुए रूसी मिसाइलों और ड्रोन हमलों में यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में बिजली अवसंरचना को गहरा नुकसान पहुंचा। यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने कहा कि क्षेत्र के दो लाख से अधिक लोग बिना बिजली के हैं और ‘‘रूस खारकीव की अवसंरचना को नष्ट कर शहर को अंधकारमय बनाने की कोशिश कर रहा है।’’ ओडेसा के क्षेत्रीय गवर्नर ओलेह किपेर ने कहा कि बुधवार की शाम को हुए रूसी मिसाइल हमलों में चार लोग मारे गए और 14 घायल हो गए। जापोरिज्जिया और ल्वीव में भी बिजली संयंत्रों को गहरा नुकसान पहुंचा है। (एपी)

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