Thursday, November 06, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. ट्रंप को नोबेल का शांति पुरस्कार नहीं मिलने से 'लाल' हुआ ह्वाइट हाउस, फैसले को राजनीति से बताया प्रेरित

ट्रंप को नोबेल का शांति पुरस्कार नहीं मिलने से 'लाल' हुआ ह्वाइट हाउस, फैसले को राजनीति से बताया प्रेरित

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिलने से ह्वाइट हाउस बौखला गया है। राष्ट्रपति भवन ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Oct 10, 2025 05:04 pm IST, Updated : Oct 10, 2025 05:19 pm IST
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति। - India TV Hindi
Image Source : AP डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति।

वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिलने से ह्वाइट हाउस बौखला गया है। राष्ट्रपति भवन ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया है। व्हाइट हाउस ने 2025 में ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलने को लेकर कमेटी की जमकर आलोचना की।

शुक्रवार को व्हाइट हाउस ने नोबेल शांति पुरस्कार के निर्णय पर आरोप लगाते हुए कहा कि चयन प्रक्रिया राजनीतिक पक्षपाती थी, न कि वैश्विक शांति को बढ़ावा देने के लिए सच्ची प्रतिबद्धता पर आधारित। व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा, "एक बार फिर, नोबेल समिति ने यह साबित कर दिया कि वे शांति से ज्यादा राजनीति को महत्व देती है।"

मारिया को मिला नोबेल

ह्वाइट हाउस ने ट्रंप को नोबेल दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर जबरदस्त माहौल बनाने का पूरा प्रयास किया था। मगर शुक्रवार को ट्रंप और ह्वाइट हाउस को कमेटी के फैसले से बड़ा झटका लगा है। कमेटी ने यह पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मशादो को उनके लोकतंत्र को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए देने का ऐलान करके ट्रंप के सपनों पर पानी फेर दिया। मारिया को यह पुरस्कार ऐसे वक्त में दिया गया, जब खासकर कई देशों में तानाशाही का बढ़ता प्रभाव देखा जा रहा है। इसे में यह पुरस्कार लोकतंत्र समर्थकों को उत्साहित करने वाला है। 

नार्वे ने शांति के नोबेल का ऐलान करने के बाद क्या कहा

नॉर्वे के ओस्लो स्थित नोबेल समिति ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, "वेनेजुएला के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर एक न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण व्यवस्था को बढ़ावा देने उनके निरंतर संघर्ष के लिए" मशादो को यह पुरस्कार दिया गया। इसके तहत मशादो को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 1.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का पुरस्कार दिया गया है। यह पुरस्कार वेनेजुएला में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने और तानाशाही के खिलाफ संघर्ष करने के लिए उनकी कड़ी मेहनत को मान्यता देता है।

ट्रंप की वजह से पहली बार शांति के नोबेल को लेकर विवाद और चर्चा तेज

शांति का यह नोबेल पुरस्कार इस बार मशादो को मिलने और ट्रंप के सपने टूटने के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना और विवाद दोनों का कारण बन गया है। जहां कई लोग मशादो के संघर्ष को सलाम कर रहे हैं तो वहीं व्हाइट हाउस यह कहकर समिति की आलोचना कर रहा है कि नोबेल शांति पुरस्कार चयन प्रक्रिया राजनीतिक रूप से प्रेरित हो गई है। ह्वाइट हाइस के इस बयान को वैश्विक शक्तियों के खिलाफ एक संदेश के रूप में देखा जा सकता है।

 

Latest World News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement