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बिहार विधानसभा और विधानमंडल में BJP का कद बढ़ने के बाद NDA हुआ और मजबूत

भाजपा के दोनों सदनों में बढ़त होने के बाद यह माना जा रहा है कि एनडीए और मजबूत होगा। उपचुनाव में अगर एनडीए ने सीटों में इजाफा कर लिया तो अगले साल होने वाले चुनाव से पहले एनडीए मनोवैज्ञानिक तौर पर महागठबंधन पर बढ़त बना सकती है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Jun 28, 2024 13:40 IST, Updated : Jun 28, 2024 13:40 IST
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Image Source : PTI बिहार में एनडीए हुआ और मजबूत

बिहार विधानसभा और विधानमंडल में फिलहाल भाजपा के सदस्यों की संख्या सबसे ज्यादा है। विधानसभा में भाजपा के अब 78 विधायक हैं जबकि विधान परिषद में उनकी सदस्यों की संख्या 24 है। विधानसभा अध्यक्ष पद हो या विधान परिषद सभापति, दोनों पर भाजपा काबिज है। कहा जा रहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अभी से ही रणनीति बनाने में जुट गई है। विधानसभा में नंदकिशोर यादव अध्यक्ष हैं तो विधान परिषद में अवधेश नारायण सिंह कार्यकारी सभापति हैं।

विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के लोकसभा जाने के बाद भाजपा के अवधेश नारायण सिंह कार्यकारी सभापति चुने गए। माना जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव और हाल में ही हुए लोकसभा चुनाव में शाहाबाद एवं मगध की हार के बाद विधान परिषद में राजपूत समुदाय के अवधेश नारायण सिंह को सभापति बनाकर पार्टी के रणनीतिकारों ने सवर्णों को एक संदेश देने की कोशिश की है।

लोकसभा चुनाव के बाद दोनों सदनों का आंकड़ा बदला

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में विधानसभा के चार एवं विधान परिषद के एक सदस्य के विजयी होने के बाद दोनों सदनों का आंकड़ा बदल गया है। राजद के विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव, सुधाकर सिंह, सुदामा प्रसाद हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी और जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर लोकसभा के लिए चुने गए हैं। वैसे, यह भी गौर करने वाली बात है कि इसी साल एनडीए की सरकार बनने के बाद विश्वास मत के दौरान राजद और कांग्रेस के सदस्यों ने पाला बदल लिया था। हालांकि उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, इस कारण उनकी गणना उनके मूल पार्टी में ही की जा रही है।

विधानसभा में किस पार्टी के कितने विधायक?

आंकड़ों पर गौर करें तो विधानसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या 78 है जबकि राजद के कुल 77 विधायक हैं। जदयू 44 विधायकों के साथ तीसरी बड़ी पार्टी है जबकि कांग्रेस के 19, भाकपा माले के 11, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के तीन, सीपीआई के दो, सीपीएम के दो, एआईएमआईएम के एक और एक निर्दलीय सदस्य हैं।

विधान परिषद किस पार्टी के कितने सदस्य?

इधर, विधान परिषद में 24 सदस्यों के साथ भाजपा सबसे बड़ी जबकि 21 सदस्यों के साथ जदयू दूसरी बड़ी पार्टी है। राजद के 15, कांग्रेस के तीन, सीपीआई, हम, लोजपा और भाकपा माले के एक-एक सदस्य हैं। परिषद में निर्दलीय सदस्यों की की संख्या छह है जबकि दो सीटें रिक्त हैं। वैसे, उपचुनाव के बाद संख्या बल में फिर बदलाव आएगा।

इधर, भाजपा के दोनों सदनों में बढ़त होने के बाद यह माना जा रहा है कि एनडीए और मजबूत होगा। उपचुनाव में अगर एनडीए ने सीटों में इजाफा कर लिया तो अगले साल होने वाले चुनाव से पहले एनडीए मनोवैज्ञानिक तौर पर महागठबंधन पर बढ़त बना सकती है। (IANS इनपुट्स के साथ)

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