Wednesday, April 24, 2024
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Vastrapur Drugs Case: इंजीनियर ने Amazon पैकेजिंग का इस्तेमाल कर बेची थीं 13 करोड़ रुपये की ड्रग्स

रातोंरात अमीर बनने की चाह में विंजाहवा ने पहले कम मात्रा में हाइब्रिड गांजा बेचना शुरू किया था।

Nirnay Kapoor Reported By: Nirnay Kapoor @@nirnaykapoor
Updated on: December 15, 2022 16:21 IST
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Image Source : INDIA TV Vastrapur Drugs Case: Electronics engineer used Amazon packaging to sell Rs 13-cr of drugs.

Highlights

  • Amazon की पैकेजिंग सामग्री का इस्तेमाल कर बेचता था नशे का सामान।
  • शुरू में ग्राहकों को कूरियर के जरिए हाइब्रिड गांजा बेचता था आरोपी विंजाहवा।
  • दवाओं का स्टॉक करने के लिए वस्त्रापुर में लिया था किराए पर घर।

Vastrapur Drugs Case: गुजरात ATS ने जब पिछले हफ्ते वस्त्रापुर में संसार्य अपार्टमेंट में एक किराए की प्रॉपर्टी पर छापा मारा था, तब उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वे नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़े करोड़ों रुपयों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश कर रहे हैं। 7 जून को छापेमारी के दौरान 19.85 ग्राम एम्फैटेमिन, 60.53 ग्राम ओपिओइड डेरिवेटिव, 321.52 ग्राम चरस और 3.235 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया था। हालांकि, कथित ड्रग तस्कर आकाश विंजाहवा की गिरफ्तारी ने पुलिस को एक इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड कम्युनिकेशन इंजीनियर के साथ आमने-सामने ला दिया, जिसकी एक सफल व्यवसायी बनने की महत्वाकांक्षा ने उसे ड्रग्स के कारोबार में धकेल दिया।

सबसे पहले हाइब्रिड गांजे से की थी शुरुआत

विंजाहवा ने अपने नकली घी के बिजनस को बढ़ाते हुए उसने ड्रग्स के कारोबार को पुलिस की नजरों से बचाने के लिए दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन रिटेलर ऐमेजॉन की पैकेजिंग सामग्री का इस्तेमाल किया। राजुला का रहने वाला यह शख्स एक मिलियन डॉलर का व्यवसाय स्थापित करने के सपने के साथ अहमदाबाद आया था। पहले वह अहमदाबाद और गांधीनगर में पेइंग गेस्ट के तौर पर रहता था और रेस्तरां व्यवसाय में किस्मत आजमाई थी, लेकिन नाकाम रहा था। रातोंरात अमीर बनने की चाह में उसने पहले कम मात्रा में हाइब्रिड गांजा बेचना शुरू किया, जिसे वह महाराष्ट्र और राजस्थान के स्थानीय ड्रग पेडलर्स से खरीदता था।

लॉकडाउन के दौरान बनाई थी डमी वेबसाइट
नशीली दवाओं के पैसे से उसने ऑनलाइन मिलावटी घी बेचने का कारोबार शुरू किया। उसने ड्रग्स का कारोबार भी जारी रखा और 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान एक ई-कॉमर्स डमी वेबसाइट e.commerce.badshah.pvt.ltd की स्थापना की और अपने ग्राहकों को कूरियर के जरिए हाइब्रिड गांजा बेचना शुरू किया। बाद में उसने कुछ निवेशकों और भागीदारों से फंड इकट्ठा कर वडोदरा में एक ऑफिस शुरू किया। विंजाहवा के साथी इस बात से अनजान थे कि वह मेफेड्रोन, एम्फैटेमिन और अन्य दवाएं बेच रहा है। बाद में उसने अपनी कंपनी को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के साथ भी रजिस्टर्ड करा लिया।

दवाओं का स्टॉक करने के लिए किराए का घर लिया
पुलिस के मुताबिक, विंजाहवा का कारोबार बढ़ता गया और उसने अपने ग्राहकों को बड़ी खेप देना शुरू कर दिया। आगे चलकर उसने राजुला के नाना वाघ उर्फ करण से हाथ मिला लिया। उसने वस्त्रापुर में संसार्य अपार्टमेंट में अपनी दवाओं का स्टॉक करने के लिए एक घर किराए पर लिया, जहां एटीएस छापा मारा और नशीले पदार्थों को जब्त कर लिया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने एक कूरियर से ड्रग्स का एक और पार्सल भी बरामद किया, जिसे जलाराम ट्रेवल्स की एक बस में लोड किया गया था। पूछताछ में पता चला कि विंजाहवा ने ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए 13 करोड़ रुपये की दवाएं बेची थीं।

1.5 साल पहले हुई थी शादी, 6 महीने की गर्भवती है पत्नी
पुलिस करण को ढूंढ रही है और साथ ही महाराष्ट्र, राजस्थान और एमपी के उन ड्रग सप्लायर्स की भी तलाश कर रही है जिन्होंने उसे ड्रग्स की सप्लाई की थी। ATS को शक है कि और भी नशीली दवाओं का लेन-देन होता था और पूछताछ में सबकुछ सामने आ जाएगा। विंजाहवा की डेढ़ साल पहले ही शादी हुई थी और उसकी पत्नी 6 महीने की गर्भवती है। पति के ड्रग तस्करी के कारोबार में होने की जानकारी मिलते ही वह टूट गई। उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

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