Friday, April 26, 2024
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दिल्ली हिंसा: जामिया के छात्र तनहा परीक्षा में बैठने के लिए पैरोल पर रिहा

दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई हिंसा में षड्यंत्र से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा को दिसंबर में उनकी कंपार्टमेंटल परीक्षा के लिए तीन-दिवसीय कस्टडी पैरोल पर रिहा कर दिया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 27, 2020 22:36 IST
Delhi Riots: Jamia student released on parole to sit for exams- India TV Hindi
Image Source : PTI इकबाल तनहा को दिसंबर में उनकी कंपार्टमेंटल परीक्षा के लिए तीन-दिवसीय कस्टडी पैरोल पर रिहा कर दिया।

नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई हिंसा में षड्यंत्र से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा को दिसंबर में उनकी कंपार्टमेंटल परीक्षा के लिए तीन-दिवसीय कस्टडी पैरोल पर रिहा कर दिया। तन्हा को बीए फारसी (ऑनर्स) की पूरक परीक्षा में शामिल होने के लिए चार, पांच और सात दिसंबर के लिए यह पैरोल प्रदान की गई है। 

अदालत ने जेल अधीक्षक को परीक्षा के लिए आरोपी को अध्ययन सामग्री संबंधित आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि फारसी में एमए करने के लिए तन्हा को परीक्षा उत्तीर्ण किए जाना आवश्यक था और इस परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देकर आरोपी के प्रति नरमी दिखाई जानी चाहिए। 

न्यायाधीश ने कहा, ''मामले के वर्तमान तथ्यों के आलोक में अदालत आरोपी को उक्त परीक्षा में शामिल होने के लिए हिरासत में पैरोल की अनुमति देने को उपयुक्त मानती है।'' उन्होंने कहा, ''नियम के मुताबिक, आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा को चार, पांच और सात दिसंबर के लिए हिरासत में पैरोल प्रदान की जाती है।'' 

तनहा की ओर से पेश वकील सौजन्य शंकरन ने कहा कि उनके मुवक्किल के पास परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक पठन सामग्री नहीं है। इस पर न्यायाधीश ने तिहाड़ जेल अधीक्षक को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया, बशर्ते कि यह जेल नियमों की अनुमति के भीतर हो।

तनहा को 19 मई को मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है। 21 अक्टूबर को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में एम. ए. फारसी की प्रवेश परीक्षा देने के लिए उन्हें एक दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी।

सितंबर में उनका नाम दिल्ली पुलिस द्वारा फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के संबंध में दायर आरोप पत्र (चार्जशीट) में जोड़ा गया था। दिल्ली में फरवरी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थक और विरोधियों के बीच झड़प के बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में हिंसा देखने को मिली, जिसमें 53 लोग मारे गए और 748 लोग घायल हो गए।

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