नई दिल्ली: दिल्ली की निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी ने गुरुवार को कहा कि AAP की राजधानी पर पकड़ खत्म होने के 3 दिनों के भीतर दिल्ली में बिजली कटौती की समस्या शुरू हो गई है। BJP ने आतिशी के बयान पर तुरंत पलटवार किया और इसे ‘बकवास’ करार दिया। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि उनकी जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में कहीं भी बिजली कटौती नहीं है और उन्होंने आतिशी को चुनौती दी कि वे ‘आधारहीन’ बयान देने के बजाय यह बताएं कि किन इलाकों में बिजली कटौती हो रही है।
सचदेवा ने बिजली वितरण कंपनियों को दी चेतावनी
सचदेवा ने बिजली वितरण कंपनियों को भी चेतावनी दी कि यदि वे बिजली की कटौती या गड़बड़ियों की मरम्मत में बेवजह देरी करने में कार्यवाहक मुख्यमंत्री के साथ सहयोग करते हैं, तो उन्हें नई सरकार बनने के बाद जांच के लिए तैयार रहना चाहिए। आतिशी ने कहा, ‘BJP दिल्ली को उत्तर प्रदेश बनाना चाहती है, जो घंटों बिजली कटौती के लिए जाना जाता है।’ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में AAP के सत्ता से बाहर होने के 3 दिनों के भीतर ही शहर के विभिन्न इलाकों से 40 से ज्यादा बार बिजली कटौती की खबरें आईं और लोगों ने अब इनवर्टर खरीदना शुरू कर दिया है।
‘मुख्यमंत्री डर पैदा करने की रणनीति अपना रही हैं’
सचदेवा ने आरोप लगाया कि आतिशी और AAP के अन्य नेता बिजली कटौती को लेकर ‘झूठ और भ्रम’ फैलाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘पूरी दिल्ली जानती है कि कई सालों से AAP की सरकार निजी बिजली वितरण कंपनियों के साथ मिलीभगत करके लोगों का शोषण कर रही है। अब जब BJP सरकार सत्ता में आने वाली है, तो कार्यवाहक मुख्यमंत्री साजिश कर रही हैं, और डर पैदा करने की रणनीति अपना रही हैं।’ सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में कहीं भी बिजली कटौती नहीं है और आरोप लगाया कि ‘कार्यवाहक CM और बिजली वितरण कंपनियों ने मिलीभगत करके बिजली कटौती को ठीक करने में अनावश्यक देरी की है।’
BJP ने AAP को विधानसभा चुनावों में दी है मात
बता दें कि BJP ने 5 फरवरी को हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को करारी मात दी थी और उनसे सत्ता छीन ली थी। पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीटों पर जीत दर्ज कर 26 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की, लेकिन पार्टी ने अब तक सरकार का गठन नहीं किया है। वहीं, 2020 के विधानसभा चुनावों में 62 सीटें जीतकर सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी इस बार सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस 2025 के विधानसभा चुनावों में 2020 और 2015 के चुनावों की तरह ही खाता भी खोल पाने में नाकाम रही। (भाषा)



