Friday, May 03, 2024
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B.Voc Course: करियर के ग्राफ को बूस्‍ट देने में खूब मदद कर रहे बीवोक कोर्स, जानें कैसे करें यह कोर्स और कैसे मिलेगा फायदा?

B.Voc Course Job Opportunities: छात्रों में कोर्स के दौरान ही स्किल डेवलप करने के लिए बैचलर ऑफ वोकेशन डिग्री (बीवोक) शुरू किया गया है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद है जो एजुकेशन के तुरंत बाद जॉब हासिल करना चाहते हैं। कोर्स के दौरान ट्रेनिंग पर ज्‍यादा फोकस किया जाता है।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: October 14, 2022 19:20 IST
B.Voc Course Job Opportunities- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV B.Voc Course Job Opportunities

Highlights

  • 10वीं के बाद भी छात्र कर सकते हैं बैचलर ऑफ वोकेशन डिग्री
  • बीवोक कोर्स में स्किलल्‍स डेवलपमेंट पर किया जाता है फोकस
  • एजुकेशन के तुरंत बाद स्किल्ड जॉब्स हासिल करने में मददगार है बीवोक

B.Voc Course: एजुकेशन पूरी होने के बाद सभी शानदार सैलरी वाली अच्‍छी जॉब हासिल करना चाहते हैं। इसके लिए छात्र लाखों रुपये खर्च कर देश से लेकर विदेश तक के टॉप कॉलेजों में एडमिशन लेकर एजुकेशन हासिल करते हैं। करियर के लिए टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, साइंस स्ट्रीम को अन्‍य के मुकाबले बेहतर माना जाता है। इसका सबसे प्रमुख कारण है कि कन्वेंशनल इंजीनियरिंग डिग्री में स्किल डेवलपमेंट का न होना। हालांकि अब इस कमी को बैचलर ऑफ वोकेशन डिग्री (बीवोक) पूरा कर रहा है। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी ने विभिन्न कोर्सो के माध्यम से इसे कराना शुरू कर दिया।

जानें, क्‍या है बीवोक कोर्स

बीवोक एक तीन साल का डिग्री कोर्स है। इस कोर्स का लक्ष्‍य उद्यमिता विकास, होटल मैनेजमेंट, मेटल कन्स्ट्रक्शन और हेल्थकेयर जैसे सेक्‍टर में स्किल डेवलपमेंट करना है। इसकी मदद से युवा डिग्री हासिल करने के साथ अपने हुनर को भी विकसित कर सकते हैं। यह उन छात्रों के लिए बेहद कारगर साबित हो रहा है, जो एजुकेशन पूरी होते ही अच्छी सैलरी वाली स्किल्ड जॉब्स की तलाश में रहते हैं।

बीवोक कोर्स करने के लिए जरूरी योग्यता
इस कोर्स को 10वीं और 12वीं के बाद किया जा सकता है। 10वीं के बाद इस कोर्स को करने के लिए छात्र के पास 2 साल का आईटीआई डिग्री होनी चाहिए। वहीं, 12वीं के बाद यह कोर्स करने के लिए स्ट्रीम व सब्जेक्ट का मैच होना जरूरी है। वोकेशन कोर्स के 3 साल को 6 सेमेस्टर में बांटा गया है। हर सेमेस्टर के बाद छात्रों का एग्जाम लेकर उन्‍हें सर्टिफिकेट दिया जाता है। अगर छात्र एक साल के कोर्स के बाद किसी कारणवश आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पा रहा है तो उसे डिप्लोमा कोर्स का सर्टिफिकेट दिया जाता है। वहीं 3 साल का कोर्स पूरा होने पर ग्रेजुएशन की डिग्री मिलती है।

बीवोक कोर्स के फायदे 
देश में कराए जाने वाले ज्‍यादातर कोर्स सिर्फ किताबी ज्ञान तक ही सीमित हैं। ऐसे कोर्सों की संख्‍या बहुत कम है जो छात्रों में स्किल डेवलपमेंट का कार्य करते हैं। इसलिए छात्रों को मजबूरीवश विदेशों का रूख करना पड़ता है। इस कमी को पूरा करने के लिए ही भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी अब छात्रों में कोर्सेज के जरिए स्किल्ट्रेनिंग प्रदान करना चाहती है, जिससे छात्र कोर्स के साथ ही जॉब के लिए पूरी तरह से तैयार हो सकें। आज के समय में सामान्‍य इंजीनियरिंग या होटल मैनेजमेंट की डिग्री का उतना वैल्यू नहीं, जितना एक बीवोक डिग्री का है। इसका सबसे मुख्‍य कारण छात्रों को थ्‍यौरी बताने पर फोकस करने की जगह स्किल्स डेवलपमेंट पर फोकस करना है। तीन साल के इस कोर्स के दौरान छात्रों को साल के 6 महीने यूनिवर्सिटी में और बाकी के 6 महीने इंडस्ट्री में ट्रेनिंग दी जाती है।

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