Wednesday, April 24, 2024
Advertisement

फिलहाल बंद रहेंगे स्कूल, अभिभावकों की ली जाएगी राय

अभिभावक अभी स्कूल खोले जाने को लेकर आशंकित हैं। अभिभावकों ने अपनी इस आशंका से विभिन्न राज्य सरकारों और सरकार को अवगत कराया है। अधिकांश अभिभावक नहीं चाहते कि फिलहाल स्कूल खोले जाएं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 10, 2020 11:12 IST
hrd- India TV Hindi
Image Source : PTI hrd

नई दिल्ली। अभिभावक अभी स्कूल खोले जाने को लेकर आशंकित हैं। अभिभावकों ने अपनी इस आशंका से विभिन्न राज्य सरकारों और सरकार को अवगत कराया है। अधिकांश अभिभावक नहीं चाहते कि फिलहाल स्कूल खोले जाएं। वहीं सरकार ने भी अभिभावकों को छात्रों की सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। कोरोना संकट के बीच स्कूलों के विषय पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "अनलॉक-3 की गाइडलाइंस के तहत गृह मंत्रालय ने स्कूल, कॉलेज और सभी कोचिंग संस्थान 31 अगस्त तक बंद रखने का निर्देश दिया है। आगे गृह मंत्रालय की जो भी गाइडलाइंस आएगी उसके अनुसार हम निर्णय लेंगे।"

वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के कारण अब स्कूलों को खोलने में और अधिक विलंब हो सकता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पहले ही फिलहाल स्कूल न खोलने का निर्णय ले चुका है। स्कूल खोलने की प्रक्रिया पर विभिन्न केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अभिभावकों की राय भी ली जा रही है।

अभिभावक चाहते हैं कि इस वर्ष स्कूलों में पूरे शैक्षणिक सत्र को ही जीरो सत्र माना जाए। इस मांग को लेकर कई अभिभावकों ने सहमति जताई है। दरअसल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे स्कूल खोले जाने के विषय पर अभिभावकों की राय जानने की कोशिश करें।

ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, "हमने शिक्षा मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री के समक्ष मुख्य रूप से तीन विषय रखे हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि जब तक कोरोना पर पूरी तरह से काबू नहीं पा लिया जाता तब तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए।"

अशोक अग्रवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा देशभर के सभी मुख्यमंत्रियों को हमने ऐसे ही पत्र लिखे हैं। अभिभावकों के इस संघ ने सरकारों से मांग की है कि इस शैक्षणिक सत्र को जीरो एकेडमिक ईयर घोषित घोषित किया जाए। सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए। अगले वर्ष का पाठ्यक्रम इस तरह से मॉडिफाई किया जाए कि छात्र उसे समझ सके और अपनी पढ़ाई कर सके।"

इस पूरी स्थिति पर शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि पहले छात्रों की सुरक्षा है फिर शिक्षा। यानी छात्रों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। कोई भी कदम उठाने से पहले पहले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। सुरक्षित माहौल में ही छात्र कक्षा या फिर परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement