विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC ने मान्यता प्राप्त डिग्रियों के समान संक्षिप्ताक्षर(abbreviation) वाले फर्जी ऑनलाइन कोर्सेज के खिलाफ जनता को चेतावनी दी है। अधिकारियों ने विशेष रूप से ‘10-डेज एमबीए’ पाठ्यक्रम का उल्लेख करते हुए यह बात कही। UGC के सचिव मनीष जोशी ने कहा, "कुछ व्यक्ति या संगठन उच्च शिक्षा प्रणाली के मान्यता प्राप्त डिग्री कार्यक्रमों के समान संक्षिप्त रूपों के साथ ऑनलाइन कार्यक्रम और पाठ्यक्रम पेश कर रहे हैं। ऐसा ही एक कार्यक्रम जिसकी ओर आयोग का ध्यान आकर्षित किया गया है वह है ‘10 डेज एमबीए’।"
डिग्री देने का अधिकार किसके पास?
UGC सचिव ने कहा, "किसी डिग्री का नामकरण, उसके संक्षिप्त रूप, अवधि और प्रवेश योग्यता सहित, यूजीसी द्वारा केंद्र सरकार की पूर्व मंजूरी के साथ, आधिकारिक राजपत्र(Gazette) में एक नोटिफिकेशन के प्रकाशन के जरिए निर्दिष्ट किया जाता है।" जोशी ने स्पष्ट किया कि केवल केंद्रीय अधिनियम, प्रांतीय अधिनियम या राज्य अधिनियम द्वारा या उसके तहत स्थापित या निगमित यूनिवर्सिटीज, या संसद के अधिनियम द्वारा विशेष रूप से सशक्त विश्वविद्यालय या संस्थान के रूप में समझा जाने वाला संस्थान ही डिग्री देने का अधिकार रखता है।
'प्रवेश लेने से पहले वैधता पता कर लें'
मनीष जोशी ने कहा, "हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस को यूजीसी नियमों के अनुसार किसी भी ऑनलाइन डिग्री कार्यक्रम की पेशकश करने के लिए यूजीसी से अनुमोदन प्राप्त करना भी आवश्यक है। ऑनलाइन कार्यक्रम पेश करने के लिए मान्यता प्राप्त HEI (उच्च शिक्षा संस्थानों) और अनुमत ऑनलाइन कार्यक्रमों की एक लिस्ट आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।" उन्होंने कहा, "इसलिए हितधारकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी ऑनलाइन कार्यक्रम में आवेदन करने या प्रवेश लेने से पहले उस ऑनलाइन कार्यक्रम की वैधता सुनिश्चित कर लें।"
इनपुट- भाषा
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