Thursday, June 12, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. मनोरंजन
  3. बॉलीवुड
  4. Pankaj Udhas Birth Anniversary: हर शो से पहले पढ़ते थे हनुमान चालीसा, कैसे गजल के किंग बने थे सिंगर

Pankaj Udhas Birth Anniversary: हर शो से पहले पढ़ते थे हनुमान चालीसा, कैसे गजल के किंग बने थे सिंगर

बॉलीवुड सिंगर पंकज उधास की आज बर्थएनिवर्सरी है। बीते साल 2024 में पंकज उधास ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज इस मौके पर जानते हैं पंकज उधास की जिंदगी की कहानी।

Written By: Shyamoo Pathak
Published : May 17, 2025 6:15 IST, Updated : May 17, 2025 6:25 IST
Pankaj Udhas
Image Source : INSTAGRAM पंकज उधास

बॉलीवुड के दिग्गज सिंगर और गजल गायक पंकज उधास की आज बर्थएनिवर्सरी है। आज ही के दिन साल 1951 में गुजरात के जेतपुर में जन्मे पंकज उधास ने अपने करियर में कई बेहतरीन गानों और गजलों को अपनी सुरीली आवाज से नवाजा है। पंकज उधास के दर्जनों गाने आज भी फैन्स के जहन में बसे हुए हैं। पंकज उधास जब भी स्टेज पर शो करने या गाना रिकॉर्ड करने जाया करते थे तो हर बार हनुमान चालीसा पढ़कर जाते थे। गुजरात के छोटे से गांव में जन्मे पंकज उधास ने अपनी कला से भारत से लेकर विदेशों तक लोगों को अपना दीवाना बनाया। अपने करियर में 70 से ज्यादा फिल्मों के गानों को अपनी आवाज देने वाले पंकज उधास ने बीते साल 2024 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। 

गुजरात के छोटे से गांव में हुआ था जन्म

पंकज उधास का जन्म गुजरात के जेतपुर के नवगढ़ गांव में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1970 में अभिनेता-गायक किशोर कुमार के साथ 'मुन्ने की अम्मा ये तो बता' एल्बम से की थी लेकिन उनकी प्रसिद्धि फिल्म नाम (1986) से हुई। जिसमें उन्होंने 'चिट्ठी आई है' के लिए प्लेबैक किया और उन्हें घर-घर में पहचाना जाने लगा। संकलन और लाइव शो दुनिया भर में किए और हिट फिल्मों में प्लेबैक सिंगर के रूप में भी काम किया। उधास ने सर भावसिंहजी पॉलिटेक्निक संस्थान, भावनगर से पढ़ाई की थी। उनका परिवार मुंबई आ गया और उसके बाद उधास ने विल्सन कॉलेज और सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई से विज्ञान स्नातक की डिग्री हासिल की।

अब्दुल करीम से सीखा संगीत

मुंबई आकर पंकज प्रसिद्ध वीणा वादक अब्दुल करीम खान से मिले, जिन्होंने उन्हें संगीत सिखाया। शुरू में तबला सीखने के लिए दाखिला लिया था, लेकिन बाद में गुलाम कादिर खान साहब से हिंदुस्तानी गायन शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू कर दिया। इसके बाद उधास ग्वालियर घराने के गायक नवरंग नागपुरकर के संरक्षण में प्रशिक्षण लेने के लिए मुंबई चले गए। पंकज उधास ने चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल नामक गीत गाया था। पंकज उधास के बड़े भाई मनहर उधास एक स्टेज परफॉर्मर थे, जिन्होंने पंकज को संगीत प्रदर्शन से परिचित कराने में मदद की। उनका पहला स्टेज प्रदर्शन चीन-भारत युद्ध के दौरान हुआ था, जब उन्होंने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाया था और उन्हें एक दर्शक ने इनाम के तौर पर 51 रुपये दिए थे।

मास्टर नवरंग से सीखा शास्त्रीय संगीत

मास्टर नवरंग के संरक्षण में पंकज उधास ने भारतीय शास्त्रीय गायन का प्रशिक्षण शुरू किया। उधास का पहला गाना फिल्म 'कामना' में था, जो उषा खन्ना द्वारा रचित और नक्श लायलपुरी द्वारा लिखित था। हालांकि ये फिल्म फ्लॉप रही, लेकिन उनके गायन को बहुत सराहा गया। इसके बाद उधास को गजलों में रुचि पैदा हुई और उन्होंने गजल गायक के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उर्दू सीखी। उन्होंने कनाडा और अमेरिका में दस महीने गजल संगीत कार्यक्रम किए और नए जोश और आत्मविश्वास के साथ भारत लौट आए। 1980 में उनकी गजल एल्बम, आहट रिलीज हुई। इसके बाद उन्हें सफलता मिलनी शुरू हुई और नशा (1997) मुकर्रर (1981) और तरन्नुम (1982) सहित पचास से अधिक एल्बम और सैकड़ों संकलन एल्बम रिलीज किए।

फिल्मों में एक्टिंग भी की

1986 में उधास को फिल्म 'नाम' में अभिनय करने का एक और अवसर मिला, जिसने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई। 1990 में उन्होंने लता मंगेशकर के साथ फिल्म घायल के लिए मधुर युगल गीत 'माहिया तेरी कसम' गाया। इस गीत ने अपार लोकप्रियता हासिल की। ​​1994 में उधास ने साधना सरगम ​​के साथ फिल्म मोहरा का प्रसिद्ध गीत 'ना कजरे की धार' गाया, जो बहुत लोकप्रिय हुआ। उन्होंने पार्श्व गायक के रूप में काम करना जारी रखा, और साजन, ये दिल्लगी, नाम और फिर तेरी कहानी याद आई जैसी फिल्मों में कुछ ऑन-स्क्रीन प्रस्तुतियां दीं। दिसंबर 1987 में म्यूजिक इंडिया द्वारा लॉन्च किया गया उनका एल्बम शगुफ्ता भारत में कॉम्पैक्ट डिस्क पर रिलीज होने वाला पहला एल्बम था। बाद में उधास ने सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर आदाब आरज है नामक एक टैलेंट हंट टेलीविजन कार्यक्रम शुरू किया। अभिनेता जॉन अब्राहम उधास को अपना गुरु कहते हैं। उधास की गजलें प्यार, नशा और शराब के बारे में बात करती हैं। पंकज उधास का 72 वर्ष की आयु में 26 फरवरी 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार 27 फरवरी 2024 को मुंबई के वर्ली में हिंदू श्मशान घाट पर हुआ। लेकिन आज भी उनकी संगीत की विरासत नई पीढ़ी के युवाओं को प्रेरणा देती रहती है। आज बर्थएनिवर्सरी पर सोशल मीडिया पर फैन्स ने उन्हें याद कर उनके गानों को शेयर किया है। 

Latest Bollywood News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Bollywood News in Hindi के लिए क्लिक करें मनोरंजन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement