Wednesday, December 10, 2025
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Panga movie review: माँ को भी होता है सपने देखने का हक़, ‘पंगा’ लेने की कोई उम्र नहीं होती

Panga movie review: अश्विनी अय्यर तिवारी द्वारा निर्देशित फिल्म 'पंगा' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। अगर आप भी कंगना को देखने जा रहे है तो पहले जान लें कैसे है ये फिल्म।

Jyoti Jaiswal
Published : Jan 24, 2020 08:18 am IST, Updated : Jan 24, 2020 06:23 pm IST
Panga movie review- India TV Hindi

Panga movie review

  • फिल्म रिव्यू: पंगा
  • स्टार रेटिंग: 4 / 5
  • पर्दे पर: 24 जनवरी 2020
  • डायरेक्टर: अश्विनी अय्यर तिवारी
  • शैली: ड्रामा/स्पोर्ट

‘मैं माँ हूँ और एक माँ को सपने देखने का कोई हक़ नहीं...’ फ़िल्म ‘पंगा’ से कंगना रनौत का ये डायलॉग पूरी फ़िल्म का सबसे ज़रूरी हिस्सा है। अश्विनी ऐय्यर तिवारी के निर्देशन में बनी फ़िल्म ‘पंगा’ एक ऐसी महिला की कहानी है जो अपने बच्चे और पति के लिए अपना करियर पीक पर छोड़ देती है, लेकिन उसका मन ज़रूर वहीं अटका होता है। कबड्डी की नेशनल प्लेयर और कप्तान जया निगम (कंगना रनौत) एशिया कप से पहले प्रेगनेंट हो जाती है और कमज़ोर बच्चा होने की वजह से उसे कबड्डी से अलविदा कहना पड़ता है। लेकिन कबड्डी उसके मन से नहीं निकल पाती है।

जया निगम (कंगना रनौत) की ज़िंदगी उसके पति प्रशांत (जस्सी गिल) और बेटे आदि(यज्ञ भसीन) के इर्द गिर्द घूमती है। इसके अलावा को रेलवे में नौकरी करती है जो उसे स्पोर्ट्स कोटे के तहत मिली है। उसके बेटे को जब पता चलता है कि उसकी माँ ने उसके लिए कबड्डी छोड़ दी तो वो चाहता है कि उसकी माँ कमबैक करे, वो अपने पापा से पूछता है- “क्या 32 की उम्र में कमबैक नहीं होता?”

बच्चे का मन रखने के लिए जया ट्रेनिंग शुरू करती है लेकिन कुछ ही दिन में उसे एहसास होता है कि वो कबड्डी के लिए ही बनी है लेकिन क्या जया नेशनल टीम में जगह बना पाएगी?

‘निल बटे सन्नाटा’ और ‘बरेली की बर्फ़ी’ जैसी फ़िल्में बना चुकी निर्देशक अश्विनी ऐय्यर तिवारी एक और दिल को छू जाने वाली कहानी लेकर आयी हैं। फ़िल्म आपको हंसाती है रुलाती है  और पूरा entertainment देती है जिसके लिए आप टिकट लेकर सिनेमा हॉल जाते हैं। फ़िल्म के डायलॉग आपको एकसाथ हँसाते भी हैं और इमोशनल भी करते हैं। 

अभिनय की बात करें तो कंगना रनौत ने हमेशा की तरह इस बार भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है, पति के रोल में जस्सी गिल और बेटे के रोल में यज्ञ भसीन जमे हैं। यज्ञ की डायलॉग डिलीवरी आपको इमप्रेस कर देगी। ऋचा चड्ढा और नीना गुप्ता का काम भी अच्छा है। ऋचा और कंगना की केमिस्ट्री ख़ूब जमती है जब जब दोनों साथ स्क्रीन पर आते हैं मज़ा आ जाता है।

फ़िल्म का म्यूज़िक अच्छा है और गाने दिल को छू लेने वाले। फ़िल्म की एडिटिंग, सक्रीनप्ले और डायलॉग्स भी अच्छे हैं।

‘पंगा’ हर उस माँ को ट्रिब्यूट है जो अपने परिवार के लिए अपने सपने क़ुर्बान कर देती है। फ़िल्म हमें सीख देती है कि माँ को भी अपने सपने पूरे करने का हक़ है और ‘पंगा’ लेने की कोई उम्र नहीं होती है। ‘पंगा’ एक फ़ैमिली एंटरटेनर फ़िल्म है जिसे आप पूरे परिवार के साथ एंजॉय कर सकते हैं। ‘पंगा’ को इंडिया TV की तरफ़ से 5 में से 4 स्टार।

देखें ट्रेलर

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