तुर्की का विरोध देश में बढ़ता ही जा रहा है। एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी थोक मंडी, आजादपुर मंडी ने तुर्की से सेब के आयात को बंद करने का फैसला किया है। तुर्की का हाल में हुए संघर्ष में पाकिस्तान के साथ खुलकर आना भारत में किसी को रास नहीं आ रहा है। तस्वीर में आप स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं को तुर्की का विरोध करते देख सकते हैं।
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आज राजधानी दिल्ली में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कि CAIT द्वारा आयोजित राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में देशभर से आए 125 से अधिक शीर्ष व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया कि भारत का व्यापारिक समुदाय तुर्की और अजरबैजान के साथ हर प्रकार के व्यापार एवं व्यावसायिक संबंधों का पूर्ण बहिष्कार करेगा, जिसमें यात्रा और पर्यटन भी शामिल है। तुर्की का विरोध देश में बढ़ता ही जा रहा है।
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राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया कि कोई भी कॉरपोरेट हाउस तुर्की और अज़रबैजान में अपने उत्पादों के प्रमोशन की शूटिंग नहीं करेगा। व्यापारिक समुदाय ने भारतीय फिल्म उद्योग से अपील की है कि वे तुर्की और अजरबैजान में किसी भी प्रकार की फिल्म की शूटिंग न करें, और यदि कोई फिल्म वहां शूट होती है, तो व्यापार जगत और आम जनता ऐसी फिल्मों का बहिष्कार करेगी। सोशल मीडिया पर भी जमकर तुर्की के बॉयकॉट की अपील हो रही है।
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व्यापारियों ने भारत सरकार द्वारा तुर्की की कंपनी 'Celebi Ground Handling India Private Limited' की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के निर्णय का स्वागत किया, जो भारत के नौ प्रमुख हवाई अड्डों पर सेवाएं प्रदान कर रही थी। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया है। बता दें कि रेसेप तैयब अर्दोगन जब जी20 समिट में भारत आए थे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका जोरदार स्वागत किया था। तुर्की में आए भूकंप में भी भारत ने उनकी बढ़-चढ़कर मदद की थी।
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लेकिन जब पाकिस्तान के साथ भारत का संघर्ष हुआ तो तुर्की नमकहरामी करते हुए खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में आ गया। यही वजह है कि आज देशभर में तुर्की और अजरबैजान का बॉयकॉट करने की बात चल रही है। भारत और तुर्की के बीच आए तनाव का असर तुर्की की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल सकता है। इस तस्वीर में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब अर्दोगन के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ है।