Wednesday, December 10, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. गुजरात
  3. गुजरात ने 'घोल मछली' को बनाया स्टेट फीश, 1 Kg की कीमत है इतनी? जानिए खासियत

गुजरात ने 'घोल मछली' को बनाया स्टेट फीश, 1 Kg की कीमत है इतनी? जानिए खासियत

गुजरात ने घोल मछली को राज्य मछली यानी स्टेट फिश घोषित किया है। अहमदाबाद के ग्लोबल फिशरीज क्रॉन्फ्रेंस इंडिया 2023 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इसका ऐलान किया।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Nov 23, 2023 08:26 pm IST, Updated : Nov 23, 2023 08:30 pm IST
घोल मछली बनी गुजरात की स्टेट फिश - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA घोल मछली बनी गुजरात की स्टेट फिश

पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों के लोग बड़े शौक से मछली खाते हैं। बाजार में कई वैरायटी की मछलियां मिलती हैं। लोग अपनी पसंद के हिसाब से मछलियों को खाना पसंद करते हैं। इस बीच, गुजरात से मछली को लेकर एक खबर सामने आई है। गुजरात ने घोल मछली को स्टेट फिश घोषित किया है। अहमदाबाद के ग्लोबल फिशरीज क्रॉन्फ्रेंस इंडिया 2023 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इसका ऐलान किया। यह भारत में पाई जाने वाली बड़ी मछलियों में से एक है। खासतौर पर यह मछली गुजरात और महाराष्ट्र के समुद्री इलाकों में पाई जाती है। यह मछली सुनहरे-भूरे रंग में पाई जाती है। 

क्या है स्टेट फिश का अर्थ? 

नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड (NFDB) की वेबसाइट पर इस बारे में जानकारी उपलब्ध है। किसी मछली को स्टेट फिश घोषित करने का मकसद राज्य की ओर से उस मछली को अडॉप्ट करना है। साथ ही उस मछली की जैव विविधता का संरक्षण करना है। यानी इस बात का ध्यान रखना कि किसी वजह से उस मछली की प्रजाति विलुप्त ना हो जाए। सरकार की इस वेबसाइट के मुताबिक, 2006 में 16 राज्यों की स्टेट फिश की एक सूची तैयार की गई थी। इस बारे में और अधिक जानकारी केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CMFRI) की वेबसाइट पर मिलती है। ये संस्था भारत में समुद्री मत्स्य संसाधनों की देखरेख करती है। CMFRI की 2015 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 17 राज्यों ने स्टेट फिश की घोषणा की है। अब इस लिस्ट में गुजरात का नाम भी शामिल हो गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 17 राज्यों द्वारा मछलियों की 13 प्रजातियों को स्टेट फिश बनाया गया है। इनमें से दो प्रजाति की मछलियों की संख्या लगातार घट रही है। वहीं, पांच ऐसी मछलियां हैं जो लुप्त होने की कगार पर हैं।

घोल मछली की मांग कहां और क्यों?

  • प्रशांत महसागर में पाई जाने वाली यह मछली खासतौर महाराष्ट्र और गुजरात के समुद्री इलाकों में मिलती है। आर्थिक तौर पर इसका काफी महत्व है। इसकी गिनती महंगी मछलियों में की जाती है। स्थानीय स्तर पर इसे अधिक नहीं खाया जाता, लेकिन चीन और दूसरे देशों में इसकी काफी मांग है।
  • घोल मछली का इस्तेमाल दवाओं में भी किया जाता है। इसके फ्रोजन मीट और मछली को यूरोपीय और मिडिल ईस्ट के देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है। राज्य की अर्थव्यवस्था में बहुत छोटा ही सही, इसका योगदान है।
  • घोल मछली के एयर ब्लैडर को चीन, हॉन्ग-कॉन्ग और दूसरे एशियाई देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है। इसकी मदद से ही दवा बनाई जाती है। एयर ब्लैडर इसके पेट में होता है, जिसे निकालकर सुखाया जाता है और उससे दवा बनती है।
  • रिपोर्ट के मुताबिक, इस मछली की कीमत 5 हजार रुपये से 15 हजार रुपये किलो तक है। इस एक मछली का अधिकतम वजन 25 किलो तक होता है। इसके ड्राई एयर ब्लैडर की कीमत तो और भी ज्यादा होती है। एक्सपोर्ट मार्केट में इसकी कीमत 25 हजार रुपये किलो तक होती है।
100 बार चाकू से वार कर निर्मम हत्या करने के बाद क्या बोला नाबालिग आरोपी, 350 रुपये का फिर क्या किया

Rajasthan Election 2023: बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट, जानिए किस सीट से कौन खड़ा है?

छत्तीसगढ़ में नहीं थम रही नक्सली घटनाएं, बाण और प्रेशर बम की चपेट में आने से 2 जवान घायल

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें गुजरात सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement