Saturday, April 20, 2024
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Amritsar Train Accident: क्यों नहीं रुकी ट्रेन, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने बताया

ड्राइवर ने स्पीड कम की थी, अगर इमरजेंसी ब्रेक लगाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। दुर्घटनास्थल पर अंधेरा था, ट्रैक थोड़ा मुड़ाव में था इसलिए ड्राइवर को ट्रैक पर बैठे लोग नजर नहीं आए।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 20, 2018 10:49 IST
Amritsar Train Accident: क्यों नहीं रुकी ट्रेन, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने बताया- India TV Hindi
Amritsar Train Accident: क्यों नहीं रुकी ट्रेन, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने बताया

नई दिल्ली: पंजाब के अमृतसर शहर में शुक्रवार की शाम हुए बड़े रेल हादसे के बाद यह सवाल खड़ा हो रहा है कि इस दर्दनाक हादसे का जिम्मेदार कौन है? इस हादसे में ट्रेन से कटकर 61 लोगों की मौत हो गई। रेलवे ने बताया है कि ट्रेन के ड्राइवर ने हादसे को रोकने के कोशिश की लेकिन इसके बावजूद हादसा रोका नहीं जा सका। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने बताया है कि ट्रैक पर लोगों को देख ट्रेन के ड्राइवर ने अनहोनी टालने की कोशिश की थी।

उन्होंने बताया कि ड्राइवर ने ट्रेन की स्पीड 90 किमी प्रतिघंटा से घटाकर 65 प्रतिघंटा घंटा कर दी थी। हालांकि, इतनी तेज स्पीड से आ रही ट्रेन को पूरी तरह से रुकने के लिए कम से कम 625 मीटर की दूरी चाहिए होती है इसलिए, ट्रेन रुक नहीं सकी और 60 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि ट्रेन अगर इमरजेंसी ब्रेक लगा देती तो ट्रेन पलट सकती थी और हताहतों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती थी।

उन्होंने आगे कहा कि ड्राइवर ने स्पीड कम की थी, अगर इमरजेंसी ब्रेक लगाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। दुर्घटनास्थल पर अंधेरा था, ट्रैक थोड़ा मुड़ाव में था इसलिए ड्राइवर को ट्रैक पर बैठे लोग नजर नहीं आए। वहीं गेटमैन की जिम्मेदारी सिर्फ गेट की होती है। हादसा इंटरमीडिएट सेक्शन पर हुआ है जो कि एक गेट से 400 मीटर दूर है, वहीं दूसरे गेट से 1 किलोमीटर दूर है।

वहीं 61 लोगों को कुचलने वाली ट्रेन के चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पंजाब पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डीएमयू (डीजल मल्टीपल यूनिट) के ड्राइवर को लुधियाना रेलवे स्टेनशन से हिरासत में लिया गया और शुक्रवार रात को हुई इस घटना के संदर्भ में पूछताछ की गई। सूत्रों ने बताया कि ड्राइवर का कहना है कि उसने ग्रीन सिग्नल दिया था और रास्ता साफ था लेकिन उसे कोई अंदाजा नहीं था कि बड़ी संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े हैं।

दूसरी तरफ पंजाब के स्थानीय लोगों एवं रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि जिस रेलवे क्रासिंग के पास यह हादसा हुआ है वहां दशहरे का मेला 6 साल पहले से लग रहा है और इस बात की जानकारी रेलवे के स्थानीय प्रशासन स्टेशन मास्टर गेटमैन और वहां से गुजरने वाली ट्रेन ड्राइवरों को अवश्य होगी। इसके बावजूद इतना भयानक हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई।

विशेषज्ञों का कहना है कि गेटमैन को इस बात की जानकारी थी कि दशहरे मेले में आए लोग ट्रैक पर खड़े होकर वीडियो बना रहे हैं इसके बाद भी उसने हॉट लाइन से स्टेशन मास्टर को इसकी जानकारी नहीं दी थी जिससे वहां से गुजरने वाली ट्रेनों को कम रफ्तार पर नहीं चलाया गया। यदि स्टेशन मास्टर ट्रेन चालकों को ट्रेन धीरे चलाने की चेतावनी देता तो शायद हादसा टल सकता था।

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