‘अरे माताजी, मदर बोलो, मम्मी बोलो, अम्मी बोलो... मां तो मां है’
उन्होंने कहा कि अब हर चीज में बहस होने लगी है, भारत मां का नारा लगाना चाहिए या नहीं...अरे माताजी, मदर बोलो, मम्मी बोलो, अम्मी बोलो... मां तो मां है। बहुत सालों बाद देश को एक बहुत अच्छा प्रधानमंत्री मिला है...सूफी फेस्टिवल में दंग रह गया।
तालियों के शोर के बीच अनुपम खेर पूरे मूड में थे। उन्होंने आजादी की मांग उठाने वालों को बार बार निशाने पर लिया और कहा, ‘आपने खुद क्या किया देश को बनाने के लिए...बनाने में कई साल लगते हैं, बिल्डिंग गिराने में एक मिनट लगता है।’
JNU में फिल्म ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ की स्क्रीनिंग
निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ कई फिल्म समारोहों में अवॉर्ड जीत चुकी है और 6 मई को रिलीज होने वाली है। हाल ही में अनुपम खेर ने दावा किया था कि जेएनयू उनकी फिल्म की स्क्रीनिंग की इजाजत नहीं दे रहा है। हालांकि यूनिवर्सिटी का कहना था कि उन्हें ऐसी कोई अर्जी ही नहीं मिली। बहरहाल एबीवीपी के दखल पर स्क्रीनिंग का इंतजाम हो गया और इस बहाने अनुपम खेर को तालियां बटोरने के लिए मंच भी मिल गया।
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