Tuesday, March 19, 2024
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के साथ कई महत्तवपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर ने सोमवार को विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों के अलावा तेजी से बढ़ते रक्षा तथा सामरिक संबंधों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 26, 2020 18:33 IST
Defence Minister Rajnath Singh holds talks with his US counterpart- India TV Hindi
Image Source : PTI Defence Minister Rajnath Singh holds talks with his US counterpart

नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर ने सोमवार को विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों के अलावा तेजी से बढ़ते रक्षा तथा सामरिक संबंधों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री एस्पर तीसरी ‘टू प्लस टू’ मंत्री स्तरीय बैठक के लिए सोमवार को यहां पहुंचे। 

यह बैठक मंगलवार को होगी जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के साथ ही समग्र रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिए जाने की उम्मीद है। इस बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब भारत का चीन के साथ सीमा पर गतिरोध जारी है और इस मुद्दे पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दो प्रमुख अधिकारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाकात करेंगे। सिंह के साथ बातचीत के पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री को रायसीना हिल में साउथ ब्लॉक के बाहर तीनों सेनाओं की ओर से ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। अमेरिका पिछले कुछ महीनों में विभिन्न मुद्दों को लेकर चीन की काफी आलोचना करता रहा है। 

इन मुद्दों में भारत के साथ सीमा विवाद, दक्षिण चीन सागर में उसकी बढ़ती सैन्य आक्रामकता, और हांगकांग में सरकार-विरोधी प्रदर्शनों से निपटने के तरीके शामिल हैं। पोम्पिओ की यात्रा से पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका भारत के एक प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने का स्वागत करता है। 

विदेश मंत्रालय ने कहा, "अमेरिका एक प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उभरने का स्वागत करता है। अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आगामी कार्यकाल के दौरान भारत के साथ निकट सहयोग के लिए उत्सुक है।’’ उम्मीद है कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए लंबे समय से लंबित बीईसीए (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) समझौते को अंतिम रूप दे सकते हैं। इस समझौते के तहत दोनों देश अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजोसामान और भू-स्थानिक मानचित्र साझा कर सकेंगे। 

भारत-अमेरिका के रक्षा संबंध पिछले कुछ वर्षों में प्रगाढ़ हुए हैं। अमेरिका ने रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को अपने निकटतम सहयोगियों के स्तर तक ले जाने की मंशा दिखाते हुए जून 2016 में भारत को "प्रमुख रक्षा सहयोगी" नामित किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तंत्र को मंजूरी दिए जाने के बाद सितंबर 2018 में दिल्ली में पहली ‘टू प्लस टू’ बैठक हुयी थी। बैठक का दूसरा संस्करण पिछले साल दिसंबर में वाशिंगटन में आयोजित हुआ था। 

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