Thursday, March 28, 2024
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जाति रहित समाज बनाना है तो अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना ही होगा: कुमारी शैलजा

अंतरजातीय विवाह को लेकर हुई हिंसा की कुछ हालिया घटनाओं पर चिंता जताते हुए राज्यसभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सदस्य कुमारी शैलजा ने कहा कि इस तरह की हिंसा पर रोक लगाने के लिए सबको एकजुट हो कर दृढ़ता से आवाज उठानी होगी तब ही जाति रहित समाज बन सकेगा।

PTI Reported by: PTI
Published on: July 19, 2019 16:05 IST
kumari selja- India TV Hindi
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नई दिल्ली: अंतरजातीय विवाह को लेकर हुई हिंसा की कुछ हालिया घटनाओं पर चिंता जताते हुए राज्यसभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सदस्य कुमारी शैलजा ने कहा कि इस तरह की हिंसा पर रोक लगाने के लिए सबको एकजुट हो कर दृढ़ता से आवाज उठानी होगी तब ही जाति रहित समाज बन सकेगा। शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कुमारी शैलजा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 82 साल पहले अपनी पौत्री मनु गांधी के अंतरजातीय विवाह की सराहना की थी। संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर ने जाति रहित समाज की कल्पना की थी।

शैलजा ने कहा ‘‘लेकिन जाति रहित समाज तब ही बन पाएगा जब अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा मिलेगा। पिछले कुछ समय से अंतरजातीय विवाह को लेकर हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। संपन्न वर्ग में अगर अंतरजातीय विवाह हो तो इसकी सराहना होती है अन्यथा हिंसा की घटनाएं होती हैं।’’

उन्होंने उत्तर प्रदेश में एक विधायक की बेटी के एक दलित युवक से विवाह की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि कई राज्यों में अंतरजातीय विवाह का विरोध और हिंसा के मामले सामने आए हैं। शैलजा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 2018 में अंतरजातीय विवाह करने वालों के लिए संरक्षण गृहों की व्यवस्था दी थी ‘‘लेकिन सवाल यह उठता है कि कितने संरक्षण गृह बनाए जाएंगे और इनमें कितने लोग संरक्षण लेंगे ?’’ उन्होंने कहा कि हरियाणा में 2006 में अंतरजातीय विवाह करने वाले छह दंपतियों ने संरक्षण गृहों में शरण ली जबकि 2014 में 456 लोगों ने शरण ली।

शैलजा ने कहा कि आजादी के इतने साल के बाद भी अंतरजातीय विवाह को लेकर होने वाली हिंसा की घटनाएं पीड़ादायी हैं। उन्होंने सरकार से इस समस्या का हल निकालने का अनुरोध करते हुए कहा कि ऐसी हिंसा पर रोक के लिए एकजुट हो कर आवाज उठानी होगी।

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