Friday, March 29, 2024
Advertisement

पुरी के जगन्नाथ मंदिर में मिला सबसे बड़ा खजाना, मिला दुर्लभ रत्नों का भंडार?

दावा ये भी किया जा रहा है कि भगवान जगन्नाथ के मंदिर में जो खजाना मिला है कि उसके सामने दुनिया के सबसे अमीर लोगों की दौलत भी कम पड़ जाए। इतने बड़े खजाने से कई साल तक कई मुल्कों की अर्थव्यवस्था चलाई जा सकती है। कहा तो ये भी जा रहा है कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर में जो खजाना मिला है उतना बड़ा खजाना आज से पहले देश के किसी मंदिर में नहीं मिला।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 10, 2018 14:10 IST
पुरी के जगन्नाथ मंदिर...- India TV Hindi
पुरी के जगन्नाथ मंदिर में मिला सबसे बड़ा खजाना, मिला दुर्लभ रत्नों का भंडार?  

नई दिल्ली: पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर के खजाने को लेकर वायरल हो रही खबरों में जो दावा किया जा रहा है वो बेहद चौंकाने वाला है। दावा किया जा रहा है कि जगन्नाथ मंदिर के खजाने में अकूत धन-दौलत मिली है। इतना बड़ा खजाना मिला है कि लाखों रुपये देश के हर परिवार में बांटे जा सकते हैं। वायरल खबर में दावा किया जा रहा है कि भगवान जगन्नाथ के मंदिर का सदियों पुराना रत्न भंडार खोला गया है। कहा जा रहा है कि उस रत्न भंडार में इतना सोना, चांदी, हीरे, जवाहरात हैं कि उनकी कीमत इतनी है कि पूरा देश दो साल तक मुफ्त खाना खा सकता है।

दावा ये भी किया जा रहा है कि भगवान जगन्नाथ के मंदिर में जो खजाना मिला है कि उसके सामने दुनिया के सबसे अमीर लोगों की दौलत भी कम पड़ जाए। इतने बड़े खजाने से कई साल तक कई मुल्कों की अर्थव्यवस्था चलाई जा सकती है। कहा तो ये भी जा रहा है कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर में जो खजाना मिला है उतना बड़ा खजाना आज से पहले देश के किसी मंदिर में नहीं मिला। दावा है कि खजाने में संदूकों के अंदर बेशकीमती रत्नों का अंबार है, सोने-चांदी के भंडार भरे हुए हैं। वहां राजा-रजवाड़ों के ज़माने की बेहिसाब दौलत मिली है।

जगन्नाथ पुरी मंदिर में इतने बड़े खजाने से पता चलता है कि हमारे देश को सोने की चिड़िया यूं ही नहीं कहा जाता था। मंदिरों ने ये दौलत सहेजकर रखी गई, ये अच्छी बात है। जगन्नाथ मंदिर सदियों पुराना है। सदियां गुजर जाने के बावजूद मंदिर का खजाना सलामत रहा ये है आस्था और विश्वास है। इस खबर की सच्चाई जानने के लिए इंडिया टीवी की टीम ने पड़ताल शुरु की। इसी के तहत यह टीम सबसे पहले पहुंची ओडिशा के पुरी में जहां भगवान जगन्नाथ का मंदिर मौजूद है। यहां सबसे पहले जगन्नाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं से बात की कि वो इस खजाने के बारे में क्या-क्या जानते हैं।

वहां जिस भी श्रद्धालु से मिले सभी को पता था कि भगवान जगन्नाथ के खजाने में अकूत धन-दौलत है। सबको मालूम था कि मंदिर में रत्नों का भंडार है लेकिन उस खजाने से क्या-क्या मिला, क्या खजाने में इतना सोना,चांदी, हीरो जवाहरात हैं कि देश के हर परिवार में 2 लाख रुपये बांटे जा सकते हैं? इन सवालों का जवाब अभी सामने आना बाकी था। सवाल ये भी था कि अगर जगन्नाथ मंदिर में अकूत धन-दौलत है तो वो कहां से आई। क्या किसी ने दान दी और वो सदियों से सुरक्षित कैसे है?

इस पड़ताल के दौरान उन लोगों को भी खोज निकाला गया जोकि मंदिर का खजाना देखने गए थे। ये बात सौ फीसदी सच निकली कि 12वीं सदी में बने पुरी के जगन्नाथ मंदिर में बहुत बड़ा खजाना है। ये दावा भी सच निकला कि जगन्नाथ मंदिर में बहुत बड़ा रत्न भंडार है जिसमें ऐसे-ऐसे रत्न हैं जो अब दुर्लभ हैं जिनकी कीमत करोड़ों में है। पड़ताल में इस बात की पुष्टि हुई कि जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोला गया था, वो भी इसी महीने 5 अप्रैल यानी बुधवार को। ये भी पता चला कि जब रत्न भंडार खोला गया तब मंदिर परिसर में किसी भी श्रद्धालु को आने की इजाजत नहीं दी गई थी।

वायरल खबर की पड़ताल में ये भी पता चला कि जगन्नाथ मंदिर का खजाने देखने के लिए 16 मेंबर्स की एक टीम भेजी गई थी और पूरी की पूरी टीम को कड़ी जांच से गुजरना पड़ा था। खजाने तक पहुंचने से पहले उनकी तीन लेवल की चेकिंग हुई थी। जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 34 साल बाद खोला गया था। इससे पहले 1984 में मंदिर का ये खजाना खोला गया था तब जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के सात खजानों में से केवल तीन खजाने खोले गए थे। किसी को नहीं पता कि बाकी चार कमरों के अन्दर क्या रखा है। रत्न भंडार के निरीक्षण के दौरान टीम के सभी सदस्यों को परम्परा के तहत गमछा पहनाया गया। पारम्परिक दीये के साथ बैटरी पावर एलईडी लाइट से इन कमरों में रोशनी की गई थी। ऐसा कहा जाता है कि रत्न भंडार में रोशनी के लिए 1984 में केवल दीये का इस्तेमाल हुआ था, लेकिन उस समय इसे भी बुझाना पडा था क्योंकि बंद कमरों के अंदर से सांपों की फुफकार जैसी आवाज सुनाई पडी थी और टीम फौरन बाहर आ गयी थी। इस बार snake experts को भी इस टीम में शामिल किया गया।

जानकारी के अनुसार जो लोग खजाना देखने गए थे उनमें पुरी के पूर्व राजा गजपति महाराज दिब्यासिंह देब के प्रतिनिधि भी थे शामिल थे। उनके अलावा जगन्नाथ मंदिर के कुछ पदाधिकारी थे, पुरी के जिला कलेक्टर थे और साथ में थे हाईकोर्ट के भी प्रतिनिधि और ये सब हुआ ओडिशा हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद। ओडिशा हाईकोर्ट ने 16 मेंबर्स की टीम को उस जगह तक जाने की इजाजत दी थी जहां खजाना रखा है लेकिन टीम के किसी भी सदस्य को खजाने वाली संदूकों को खोलने या हाथ लगाने तक की इजाजत नहीं दी गई थी।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement