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कभी जाम में रेंगती थी दिल्ली, शीला दीक्षित ने उसे FLY OVER पर पहुंचा दिया

शीला दीक्षित ने कभी जाम से रेंगती और सिसकती दिल्ली को फ्लाई ओवरों का तोहफा देकर इसके विकसित राजधानी बना डाला।

Edited by: Vineeta Vashisth
Published : Jul 20, 2019 05:00 pm IST, Updated : Jul 20, 2019 06:09 pm IST
Delhi- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE Delhi

15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित का आज निधन हो गया। दरअसल दिल्ली को आधुनिक बनाने में शीला दीक्षित का अहम योगदान रहा है। कभी अपने जाम के लिए पहचानी जाने वाली दिल्ली को FLYOVERS पर चढाने का का श्रेय शीला दीक्षित की सरकार को जाता है और इतना ही नहीं अपने 15 सालों के कार्यकाल के दौरान शीला दीक्षित ने दिल्ली को जाम से एकदम मुक्त कर दिया। इसका जीता जागता उदाहरण हैं हर किलोमीटर पर फ्लाई ओवरो का जाल जिससे दिल्ली सुगम और सुलभ हो गई है।

delhi flyover

Image Source : GOOGLE
delhi flyover

कभी दिल्ली अपने जाम के लिए जानी जाती थी। पुरानी दिल्ली हो या नई दिल्ली। किसी भी रास्ते में पहुंच जाइए, जाम से दो चार होना लाजिमी था। लेकिन शीला दीक्षित की सरकार में दिल्ली में पहले फ्लाई ओवर का न केवल प्लान बना बल्कि उद्घाटन भी हुआ। इसके बाद मानों विकास की रफ्तार निकल पड़ी। दिल्ली में फ्लाई ओवरों के जाल ने जाम खत्म कर डाला है और दिल्ली सुगम हो गई है। दिल्ली में इतने फ्लाईओवर हो गए हैं कि चेन्नई के बाद दिल्ली भी अब CIty of Flyover कहलाने लगी है

15 साल के कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में 87 फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए गए। हालांकि इनमें से अधिकतर कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान खोले गए लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स खत्म होने के बाद भी 12 फ्लाईओवर पास किए गए। अकेले 2009-10 में 14 फ्लाईओवर बनकर तैयार हुए। दिल्ली की पतली और संकरी सड़कों को चौड़ा करवा कर उन्होंने दिल्ली को सुंदर और सुगम बनाने में जो योगदान दिया वो जनता को याद रहेगा।

दिल्ली के ये फ्लाई ओवर हैं खास - 

- दिल्ली का धौला कुआं का फ्लाईओवर सबसे लंबा और बड़ा फ्लाई ब्रिज है।

- AIIMS का फ्लाईओवर भारत के दस सबसे बड़े फ्लाईओवरों में तीसरे स्थान पर है। 

- दिल्ली स्थित आनन्दमोई मार्ग फ्लाईओवर देश का सबसे लंबा इंट्रीग्रल फ्लाईओवर है। 

कभी लाल और कभी नीली कॉन्ट्रेक्ट वाली हत्यारी बसों से भी दिल्ली को शीला दीक्षित ने ही निजात दिलवाई। दिल्ली में मेट्रो का काम हालांकि मदन लाल खुराना सरकार के दौरान हो चुका था लेकिन मेट्रो को जनता के लिए इतना सुगम कर देने का श्रेय शीला दीक्षित सरकार को जाता है। किसी भी तरह से देखें तो शीला दीक्षित ने बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए दिल्ली के विकास के जो भी कार्य किए वो अब दिल्ली को एक विकसित राजधानी के तौर पर पहचान दिला रहे हैं।

इतना ही नहीं दिल्ली को CNG की सौगात भी शीला दीक्षित ने ही दी। 2001 में शीला दीक्षित सरकार और केंद्र के आपसी सहयोग के बाद दिल्ली में सीएनजी वाहनों को पंजीकृत करने का काम शुरू हुआ। सबसे पहले सीएनजी बसों की शुरूआत हुई और उसके बाद सीएनजी वाहनों का दौर आया। 2002 में आंकड़े आए कि दिल्ली दुनिया का पहला शहर है जहां 60 हजार से ज्यादा CNG वाहन चल रहे हैं। ये शीला दीक्षित की उपलब्धि थी।

शीला दीक्षित ने दिल्ली में इतना विकास किया कि विरोध दलों के नेता भी उनकी कार्यक्षमता और नेतृत्व क्षमता पर सवाल नहीं उठा पाते। ये शीला के नेतृत्व और सूझ बूझ का ही जादू था कि कांग्रेस को इतने सालों बाद कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए शीला पर भरोसा करना पड़ा। 

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