Saturday, April 20, 2024
Advertisement

कोरोना संकट से निपटने के साथ मप्र की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद शुरू: CM शिवराज

कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सूबे की अर्थव्यवस्था को फिर से संगठित कर पटरी पर लाने के उपाय शुरू कर दिए गए हैं।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: April 27, 2020 17:47 IST
Shivraj Singh Chouhan- India TV Hindi
Shivraj Singh Chouhan

इंदौर: कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सूबे की अर्थव्यवस्था को फिर से संगठित कर पटरी पर लाने के उपाय शुरू कर दिए गए हैं। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि इस कवायद में महामारी से बचाव की तमाम हिदायतों का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। चौहान ने कहा, "हमने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को फिर से संगठित करने और कोरोना संकट के समाप्त होने पर राज्य को वित्तीय गति प्रदान करने के उपायों के लिये राज्यस्तरीय समिति का गठन किया है।"

मुख्यमंत्री ने बताया, "हम कोरोना वायरस के बारे में केंद्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जल्द ही विनिर्माण उद्योगों को उत्पादन बहाल करने की अनुमति देने की योजना बना रहे हैं।" चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ग्रीन जोन (कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त क्षेत्र) और राज्य के छोटे शहरों में कुछ श्रेणियों में आर्थिक गतिविधियों की मंजूरी दी है। लेकिन महामारी के प्रकोप से सुरक्षित क्षेत्रों में चलने वाली इकाइयों में उन मजदूरों या अन्य कर्मचारियों को आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती जो फिलहाल किसी संक्रमित इलाके में रह रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश सरकार की मंजूरी वाले उद्यमों में संक्रमण से बचाव के सभी उपायों, जैसे मास्क, सैनिटाइजर आदि का उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिये और जहां तक संभव हो सके, श्रमिकों के लिये कार्य स्थल पर ही रहने की व्यवस्था की जानी चाहिये। चौहान ने कहा कि हालांकि इंदौर कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सूबे के सर्वाधिक संवेदनशील जिले के रूप में सामने आया है। लेकिन इस महामारी के प्रकोप को देखते हुए इस प्रमुख औद्योगिक केंद्र के आस-पास कुछ फार्मा इकाइयों को मंजूरी दी गयी है ताकि जरूरी दवाओं का उत्पादन जारी रह सके।

सरकारी अधिकारियों का अनुमान है कि राज्य को कोरोना संकट के चलते 2,000 करोड़ रुपये से 3,000 हजार करोड़ रुपये के मासिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इंदौर के पड़ोस के धार जिले का पीथमपुर, सूबे के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में शामिल है। पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने बताया कि इस क्षेत्र की करीब 850 छोटी-बड़ी इकाइयों में से फार्मा, पैकेजिंग और खाद्य प्रसंस्करण के कुछेक संयंत्रों को छोड़कर अन्य कल-कारखाने लॉकडाउन के चलते बंद पड़े हैं। बहरहाल, प्रदेश सरकार पीथमपुर में धीरे-धीरे औद्योगिक हलचल दोबारा शुरू करने की कोशिश कर रही है।

मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) की इंदौर इकाई के प्रमुख कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि पीथमपुर की करीब 300 औद्योगिक इकाइयों को उत्पादन बहाल करने की अनुमति दी गयी है। लेकिन आवश्यक रख-रखाव और मानव संसाधन की व्यवस्था के मद्देनजर इनमें से अधिकांश इकाइयों को फिर से काम-काज शुरू करने में कुछ दिन लग सकते हैं। पुरुषोत्तम ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहे इंदौर जिले में अब तक चरणबद्ध तरीके से फार्मा संयंत्रों, आटा मिलों, दाल मिलों और वेयरहाउसों समेत 300 से ज्यादा इकाइयों को पहले ही अनुमति दी जा चुकी है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement