Friday, March 29, 2024
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कोई भी अदालत ये तय नहीं कर सकती कि भगवान राम अयोध्या में जन्मे थे या नहीं: VHP

अयोध्या विवाद से जुड़े मुकदमे के उच्चतम न्यायालय में लंबा खिंचने पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने गहरा असंतोष जताया। VHP के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि "धार्मिक आस्था के मामले न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते।

Bhasha Written by: Bhasha
Updated on: January 13, 2019 14:11 IST
राम मंदिर का...- India TV Hindi
Image Source : PTI राम मंदिर का प्रस्तावित मॉडल

इंदौर: अयोध्या विवाद से जुड़े मुकदमे के उच्चतम न्यायालय में लंबा खिंचने पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने गहरा असंतोष जताया और नरेंद्र मोदी सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए अपनी मांग दोहराई है कि भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण की राह प्रशस्त करने के लिए जल्द कानून बनाया जाए। प्रयागराज में 15 जनवरी से शुरू होने वाले कुंभ मेले के दौरान राम मंदिर मुद्दे पर अपनी आगामी रणनीति तय करने का ऐलान करते हुए VHP ने कहा है ‘‘ कोई भी अदालत ये तय नहीं कर सकती कि प्रभु राम अयोध्या में जन्मे थे या नहीं।’’

VHP के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि "धार्मिक आस्था के मामले न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते। न्यायालय तो कानूनों के मुताबिक चलते हैं। लिहाजा हम चाहते हैं कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए सरकार जल्द कानून बनाए।" मध्यप्रदेश और राजस्थान के उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायाधीश कोकजे ने कहा, "कोई भी अदालत ये तय नहीं कर सकती कि प्रभु राम अयोध्या में जन्मे थे या नहीं। इसीलिए हम शुरू से ही कह रहे हैं कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाया जाए। वरना इस मामले को लेकर देश में अंतहीन सिलसिला चलता रहेगा।"

उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए VHP को लगता है कि अदालती प्रक्रिया के जरिए अयोध्या विवाद का शीघ्र समाधान संभव नहीं है। कोकजे ने कहा, "हमें आशंका है कि आने वाले समय में भी अयोध्या विवाद का मामला उच्चतम न्यायालय में उसी तरह टलता रहेगा, जिस तरह इतने दिनों से टल रहा है।" कोकजे ने ये भी बताया कि प्रयागराज कुंभ के दौरान 31 जनवरी और एक फरवरी को आयोजित "धर्म संसद" में VHP साधु-संतों के साथ राम मंदिर मामले में विचार-विमर्श करेगी। उन्होंने कहा कि "साधु-संतों के मार्गदर्शन के आधार पर हम राम मंदिर मामले में अपनी आगामी रणनीति तय करेंगे।"

कोकजे ने आरोप लगाया कि वोट बैंक की अपनी पुरानी राजनीति के कारण कांग्रेस राम मंदिर के निर्माण में बाधा पैदा कर रही है। हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल ने कहा, "मुसलमान भी अयोध्या विवाद सुलझाना चाहते हैं। लेकिन, राम मंदिर निर्माण की राह में सबसे बड़ा रोड़ा अगर कोई है, तो वो कांग्रेस ही है। कांग्रेस से जुड़े वकील अलग-अलग हथकंडे अपनाकर अयोध्या विवाद के मुकदमे को शीर्ष न्यायालय में लंबा खींचना चाहते हैं।"

उल्लेखनीय है कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राम मंदिर निर्माण एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभर रहा है। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की हालिया बैठक में भी इस मुद्दे का राजनीतिक महत्व रेखांकित हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि अयोध्या मामले का हल निकले। इसलिए वो अपने वकीलों के माध्यम से न्याय प्रक्रिया में बाधा डाल रही है।

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