Thursday, May 16, 2024
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शपथ लेने के बाद बोले देश के 50वें चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, ‘हर तरह से नागरिकों का ध्यान रखूंगा’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस चंद्रचूड़ को भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलायी। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक 2 साल के लिए इस पद पर रहेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: November 09, 2022 14:26 IST
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Image Source : PTI भारत के चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़।

नई दिल्ली: भारत के चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि देश के लोगों की सेवा करना उनकी ‘प्राथमिकता’ है। राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद देश के 50वें CJI सुप्रीम कोर्ट के परिसर में पहुंचे और महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, ‘आम जनता की सेवा करना मेरी प्राथमिकता है। कृपया भरोसा रखें, मैं देश के सभी नागरिकों के लिए काम करूंगा। चाहे टेक्नॉलजी हो या रजिस्ट्री हो, या न्यायिक सुधार हो, मैं हर मामले में नागरिकों का ध्यान रखूंगा।’

पूर्व CJI उदय उमेश ललित की जगह ली

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका का नेतृत्व करना ‘बहुत बड़ी अपॉर्च्युनिटी और रिस्पॉन्सिबिलिटी’ है। यह पूछने पर कि वह जूडिशरी यानी कि न्यायपालिका में लोगों के विश्वास को कैसे बनाए रखेंगे, इस पर CJI ने कहा, ‘मैं न केवल शब्दों में बल्कि अपने काम से नागरिकों के बीच विश्वास सुनिश्चित करूंगा।’ बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस चंद्रचूड़ को भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलायी। उन्होंने पूर्व CJI जस्टिस उदय उमेश ललित की जगह ली है जो मंगलवार को रिटायर हो गए।

10 नवंबर 2024 तक पद पर रहेंगे चंद्रचूड़
जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक 2 साल के लिए इस पद पर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के जज 65 साल की उम्र में रिटायर होते हैं। उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और किरेन रिजिजू शपथ समारोह में शामिल हुए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने व्यभिचार और निजता के अधिकार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने पिता वाई. वी. चंद्रचूड़ के फैसले को पलटने में कोई संकोच नहीं किया। वह अयोध्या भूमि विवाद, IPC की धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने समेत कई महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला करने वाली पीठ का हिस्सा रहे हैं।

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