
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आज तीनों सेनाओं के डीजीएमओं ने एक साझा प्रेस कांफ्रेस की। इस प्रेस क्राफेंस में आर्मी के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयरफोर्स डीजीएमओ एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और इंडियन नेवी के वाइस एडमिरल एएन प्रमोद शामिल हुए। प्रेस कांफ्रेस के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि आप सभी को पता ही होगा कि किस तरह से पहलगाम अटैक में 26 लोगों को मारा गया था।
सेट किया गया टारगेट
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आगे बताया, हमने आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया जिसका उद्देश्य साफ था कि आतंकवाद के साजिशककर्ताओं और उनके ठिकानों को तबाह किया जाएगा। आपरेशन शुरू करने से पहले हमने सीमा पार के टेरर कैंप और इमारतों को पहचान की। हमारे लिए यह बेहद कड़ी चुनौती थी कियों इनमें से कई को पहले ही खाली कर दिया था, क्योंकि उन्हें हमारे एक्शन का डर था। चूंकि हमारे ऑपरेशन का मकसद आतंकियों को खत्म करना था इसलिए हमने इस ऑपरेशन में सिर्फ आतंकवादियों को टारगेट किया। हमने अपने खुफिया एजेंसियों के जरिए 9 ठिकानों के पहचान किए। इनमें से कुछ पीओके में थे और कुछ पाकिस्तान में थे। जिनमें से एक मुरीदके लश्कर का हेडक्वार्टर था। यहीं पर अजमल कसाब, डेविड हेडली ने ट्रेनिंग ली थी।
मारे गए 3 बड़े आतंकी
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, 'हमने इन आतंकीठिकानों की सटीकता से पहचान की और इनके सबूत वापस लाने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित की। हमने इस आपरेशन के दौरान सीमा पार के 9 ठिकानों पर हमला किया जिसमें 100 आतंकवादी मारे। जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे बड़े टारगेट शामिल हैं, ये कंधार हाईजैक और पुलवामा अटैक में शामिल तीन बड़े आतंकी चेहरे हैं।'
'कोई और विकल्प नहीं बचा था'
इसके बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑफरेशन एयरमार्शल भारती ने भी ऑपरेशन के बारे में बताया, 'पहलगाम हमले के बाद हमारे पास कोई और विकल्प नहीं बचा था। हमने ध्यान से टारगेट का चयन किया। 9 में से 6 टारगेट एयरकैंप को दिए गए। इनमें बहावलपुर और मुरीदके के टेररिस्ट कैंप भी शामिल थे।'
आगे कहा,"हमने एयर टू सरफेस तरीके से इन्हें (आतंकी ठिकानों को) टारगेट किया ताकि कोलैटरल डैमेज को कम से कम किया जा सके। इसी खातिर हमने मुरीदके के टेररिस्ट कैंप में हवा से सतह पर मार करने वाली 4 टारगेटेड मिसाइल से हमला किया और उसे न्यूट्रलाइज्ड किया।"
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