Friday, May 10, 2024
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Indian Army: भारतीय सेना की ताकत में इजाफा, कश्मीर में आतंक से लड़ने के लिए मिला एक और दमदार हथियार, जानिए क्या है इसकी खूबियां

Indian Army: तकनीक और आधुनिकता के इस युग में जंग का तौर तरीका भी बदलता जा रहा है। युद्ध अब सिर्फ ताकत से नहीं जीते जाते, नए दौर के युद्ध तकनीक और रणनीति के दम पर ही जीते जा सकते हैं। ऐसे में भारत अपना सैन्य ताकत बढ़ाने पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रहा है। इससे सेना खुद को भविष्य में होने वाले युद्ध के लिए तैयार कर पाएगी।

Reported By : Manzoor Mir Written By : Pankaj Yadav Published on: September 03, 2022 17:26 IST
Infantry Protected Mobility Vehicle- India TV Hindi
Infantry Protected Mobility Vehicle

Highlights

  • रक्षा के क्षेत्र में दिख रहा आत्म निर्भर भारत का शौर्य
  • स्वदेशी हथियारों की ताकत से भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा
  • भारत के हथियारों की धमक पूरी दुनिया में सुनाई दे रही

Indian Army: भारतीय सेना की स्वदेशी ताकत में लगातार इज़ाफा हो रहा है। पिछले कुछ सालों में भारत तेज़ी से अपनी ताकत बढ़ाता जा रहा है। सेना को मजबूत कर रहा है और बेहद आधुनिक हथियारों से जवानों को लैस किया जा रहा है। अब भारत के पास कश्मीर में आतंक का खात्मा करने के लिए एक और आधुनिक वाहन मिला है। इस वाहन का नाम मार्क्समैन है। आइए जानते है कि इस स्पेशल वाहन में क्या कुछ खास है। साउथ कश्मीर से मंजूर मीर की ग्राउंड रिपोर्ट

ये है वाहन की खूबियां

कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों को एक ऐसी नई गाड़ी मिली है। जो सुरक्षाबलों के साथ डटकर दुश्मनों से सामना करेगी। ये  वाहन बुलेटप्रूफ होने के साथ-साथ ब्लास्ट और स्टील बुलेट्स को भी बेअसर कर देता है। कश्मीर घाटी में सेना बुलेट-प्रूफिंग को मजबूत कर रही है क्योंकि स्टील की गोलियां एक बार फिर से सामने आई हैं। 

CRPF को मिलेंगे ये आधुनिक वाहन

ये उन्नत बुलेट प्रूफ वाहन सीआरपीएफ को स्टील कोर की गोलियों और आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथगोले से बचाएंगे। घाटी में विशेष ड्यूटी के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों के साथ बड़ी संख्या में महिंद्रा LBPV को तैनात किया गया है। बेहतर सुरक्षा उपायों वाले वाहनों में पैन-टिल्ट-ज़ूम (PTZ) कैमरों के साथ रनफ्लैट टायर सिस्टम लगा होता है। सुरक्षबलों के अनुसार, बुलेट प्रतिरोधी एलएमवी को शामिल करने से आतंकवाद विरोधी अभियानों और आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान सुरक्षबलों की प्रभावशीलता में और कारगर साबित होगी।

Infantry Protected Mobility Vehicle

Image Source : INDIATV
Infantry Protected Mobility Vehicle

वाहन में मौजूद है 40 फीट लंबी शूटिंग रेंज

इस  वाहन  में 40 फीट लंबी शूटिंग रेंज के अलावा सुरक्षा के वह सभी आला उपाय रखे गए हैं। यह वाहन पूरी तरह से जदीद टेक्नॉलजी से लैस राखी गई है, जिसमें 300 मीटर तक की फायरिंग रेंज को कम करने और बढ़ाने में सक्षम सॉफ्टवेयर है। इतना ही नहीं इस वाहन को आसानी से किसी अन्य स्थान पर भी ले जाया जा सकता है। शूटर खड़े होने, घुटने टेकने और लेटने की स्थिति में फायर कर सकता है और इसमें इलेक्ट्रॉनिक मल्टी-फंक्शन टारगेट और वर्चुअल टारगेट सिस्टम हैं। CTSR में कंटेनर के बाहर एक-एक कंट्रोल स्टेशन है और फायरिंग पर नजर रखने के लिए शूटर के पास एक मॉनिटरिंग टैब है और कंट्रोल स्टेशन जो शूटर के फायरिंग रिजल्ट को प्रिंट करने में सक्षम है।

एडवांस्ड टेक्नॉलजी से लैस है यह वाहन -सेकेंड इन कमांडेंट अनूप कुमार (CRPF)

इंडिया टीवी से बात करते हुए CRPF के सेकेंड इन कमांडेंट अनूप कुमार ने कहा कि यह वाहन पूरी तरह से बुलेट प्रूफ और एडवांस्ड टेक्नॉलजी से तैयार की गई है। यह वाहन पूरी तरह से आतंकवादी गतविधयों से लड़ने के लिए सक्षम है। इस वाहन में PTZ कैमरा लगे हैं जिससे ऑपरेशन के दौरान गाडी में बैठ कर चारों तरफ से ऑपरेशन पर बहार की हरकत  पर नज़र राखी जा सकती हैं। इतना हे नहीं इस वाहन को एनकाउंटर साइट के बिलकुल करीब भी ले जा सकते हैं। इस पर न तो हथगोलों का कोई असर होता है और न ही स्टील बुलेट्स का। 

अब नहीं रहता हथगोलों और स्टील बुलेट्स का डर -सैन्यकर्मी

एंटी मिलिटेंसी ऑपरेशन में हिस्सा लेने वाले जवानों ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा की जब से यह गाड़ी ऑपरेशन्स में इस्तेमाल हुई हैं, तब से ऑपरेशन्स में न तो हथगोलों का डर रहता है और न ही स्टील बुलेट्स का। इस वाहन के आने से एक तो  हमारी जान सुरक्षित रहती है दूसरा आसानी से इस गाड़ी में बैठ कर एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं। इस वाहन को एनकाउंटर साइट के बिलकुल करीब भी ले जा सकते हैं।

ऐसे वाहनों के आने से आतंक का सफाया निश्चित

कश्मीर घाटी में पिछले कुछ समय से आतंकवादी ज्यादा तौर पर स्टील बुलेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके कारण अभी तक कई जवान शहीद हो चुके हैं लेकिन जदीद तरीन टेक्नोलॉजी से बनाई गई मार्क्समैन की गाड़ी के आने से न सिर्फ अभी जवानों की जान सुरक्षित हुई है बल्कि सुरक्षाबलों को एंटी मिलिटेंसी ऑपरेशन्स को अंजाम देने में भी सक्षम है। सुरक्षबलों का मानना है कि इस तरह के वाहन अगर और मिलते हैं तो एंटी मिलिटेंसी ऑपरेशन्स में आतंकियों का सफाया करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

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