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नौकरी पाने के लिए की ये हरकत तो हो जाएंगे बेरोजगार, सरकार ने प्रमाण पत्र को लेकर कही बड़ी बात

केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में कहा कि नौकरी पाने के लिए गलत जानकारी देने या गलत प्रमाण पत्र पेश करने वाले सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है। ऐसे में नौकरी के लिए जब आवेदन करें तो फर्जीवाड़े से बचें।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Aug 08, 2024 16:20 IST, Updated : Aug 08, 2024 16:20 IST
Minister Jitendra Singh Said If you use fake certificate to get a job you will lose your job- India TV Hindi
Image Source : PTI केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह

सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि मौजूदा निर्देशों के अनुसार, नियुक्ति पाने के लिए गलत जानकारी देने या गलत प्रमाण पत्र पेश करने पर सरकारी कर्मचारी को बर्खास्त किया जा सकता है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समय-समय पर सरकारी मंत्रालयों और विभागों को फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी मिलने की शिकायतें मिलती हैं, जिन्हें आमतौर पर उचित कार्रवाई के लिए संबंधित मंत्रालयों/विभागों को भेज दिया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा निर्देशों के मुताबिक, अगर यह पाया जाता है कि किसी सरकारी कर्मचारी ने नियुक्ति पाने के लिए गलत जानकारी दी है या गलत प्रमाण पत्र पेश किया है, तो उसे सेवा में नहीं रखा जाना चाहिए।’’ 

नौकरी करने के लिए किया फर्जीवाड़ा, तो नौकरी गई

मंत्री ने बताया कि जब नियुक्ति प्राधिकारी को पता चलता है कि किसी कर्मचारी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र पेश किया है, तो वह संबंधित सेवा नियमों के प्रावधानों के अनुसार ऐसे कर्मचारी को सेवा से हटाने या बर्खास्त करने के लिए कार्रवाई शुरू करता है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने हाल ही में परिवीक्षाधीन (प्रोबेशनरी) आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और योग्यता से परे सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी से प्रयास करने के कारण उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं से वंचित कर दिया था। उन पर दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग कोटे का दुरुपयोग करने का भी आरोप है। सिंह ने कहा कि जाति/समुदाय प्रमाण पत्र जारी करने और सत्यापित करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की है। 

क्या बोले मंत्री जितेंद्र सिंह

मंत्री ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कई मौकों पर यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि जिला अधिकारियों को भेजे गए जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन किया जाए और ऐसे प्राधिकरण से अनुरोध प्राप्त होने के एक महीने के भीतर नियुक्ति प्राधिकारी को जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा, ‘‘यदि संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों से एक महीने की अवधि के भीतर कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती है तो मंत्रालयों या विभागों को सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मामला उठाना आवश्यक है।’’ 

(इनपुट-भाषा)

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